SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 242
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ विषय-सूची २१३ २१४ २१५ २१९ विषय १ बुढ़ापा (कविता)-[कवि भूधरदास २ पडावश्यक-विचार-प्र० सम्पादक ३ समन्तभद्र भारतीके कुछ नमूने, युच्यनुशासन-[सम्पादकय ४ अहिंसा-तत्त्व-तुझक गणेशप्रसादजी वर्णी न्यायाचार्य ५ पूज्य वर्णी गणेशप्रसादजीके हृदयोद्गार-[पं० दरबारीलाल कोठिया ६ रावण-पार्श्वनाथकी अवस्थिति-[अगरचन्द नाहटा ... ७ वीरशासन-जयन्तीका पावन पर्व-[पं० दरबारीलालजी कोठिया ८ शृंगेरिकी पार्श्वनाथ-बस्तीका शिलालेख-बा० कामताप्रसाद जैन ९ जैनपुरातन अवशेष (विहङ्गावलोकन)-[मुनि कान्तिसागर १० सम्पादकीय-अयोध्याप्रसाद गोयलीय ११ युगके चरण अलख चिर-चञ्चल (कविता)-['तन्मय' बुखारिया २२१ २२२ २२३ २२४ २२५ २४१ २४४ कीर-शासन-जयन्तीका वार्षिकोत्सव समारोह मुरार [ग्वालियर में सम्पूर्ण जैन समाजको यह जानकर बड़ी प्रसन्नता शासन-सेवाके कार्यों में रस लेने वाले सभी सज्जनोंके होगी कि श्रावण कृष्णा प्रतिपदाकी इतिहास प्रसिद्ध पधारनेकी पूर्ण प्राशा है । वर्णीजी जैसे मन्त पुरुषके पुण्य-तिथिसे सम्बद्ध भारतीय पावनपर्व 'वीर-शासन- नेतृत्वमे मनाया जाने वाला यह उत्मव अपनी खास जयन्ती' का-भगवान महावीरके सर्वोदय-तीर्थ- विशेषता रखना है । अतः मर्वसज्जनोंसे सानुरोध प्रवर्तन-दिवसका-वीरसेवामन्दिर द्वारा प्रायोजित निवेदन है कि आप इस शुभ अवसरपर अवश्य ही वार्षिकोत्सव इस वर्ष मुरार (ग्वालियर) मे पूज्य मित्रों सहित पधारनेकी कृपा करे और अपने इस क्षुल्लक श्रीगणेशप्रसादजी वर्णी (न्यायाचार्य) की मोतिशायी पावन पर्षको यथेष्ट रूपमे मनानेके अध्यक्षतामे श्रावण कृष्णा प्रतिपदा व द्वितीया लिये अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करते हुए इम तारीख २२-२३ जुलाई सन् १९४८ को बृहस्पतिवार सस्थाको आभारी बनाये। उत्सवमे अपने पधारनेके तथा शुक्रवारके दिन विशेष समारोहके साथ मनाया समयादिकी सूचना-'संयोजक स्वागतकारिणी जायगा । उत्सवकी तैयारियाँ बड़े उत्साह के साथ कमेटी, ठि० सेठ गुलाबचन्द गणेशीलालजी जैनका प्रारम्भ होगई हैं। बगीचा पोस्ट मुरार (ग्वालियर)' के पतेपर देनी इस बार वर्णीजीकी इच्छानुसार विश्वकी शान्ति चाहिए, जिससे समयपर ठहरने आदिकी सब योग्य और समुन्नतिको लक्ष्यमे रखकर वीर-शासनके व्यवस्था हो सके । प्रचार और प्रसारादि सम्बन्धी अच्छा ठोस एवं निवेदकस्थायी कार्य किया जानेको है। सरसावा ) जुगलकिशोर मुख्तार समाजके लब्ध-प्रतिष्ठ विद्वानों, श्रीमानों तथा ५-७-४८ ) अधिष्ठाता, वीरसेवामन्दिर
SR No.538009
Book TitleAnekant 1948 Book 09 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1948
Total Pages548
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size35 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy