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________________ ॐ अहम - - स्वतत्त्व-सघातक विश्वतत्व-प्रकाशक, वार्षिक मूल्य ५) "KumarSTE TIMI LSINEMATHMAtround the एक किरणका मूल्य ॥ ' ' AWARE POST नीतिविरोधध्वनी लोकापवहायर्नकः सम्यक् । परमागनन्य.. .कानेकान्तः ॥ अप्रैल वर्प ५ । किरण ४ वारसेवामन्दिर (समन्तभद्राश्रम), सरमावा, जिला महारनपुर चैत्र शुक्ल, वीरनिर्वाण-मवत २४७४, विक्रम संवत २०८५ FINAAMRAPRATHAMTAASTRAMRAHAARAATMAA जेत तपम्त्री शीतरित-जारै अग सब ही सकोरे तहाँ-- ग्रीपमकी ऋतुमाहि जल थल मुख जाहिं तनको न मारै नदीधोरे धीर जे खरं । परन प्रचंड धूप आगिमी बरत है। जेठको भकारे जहाँ अंडा चील छारें पशु- दावाकीमी ज्वाल-माल वहत बयार अति पछी छांह लारै गिरि कोर तप वे धरे ।। लागत लपट फोऊ धीर ने धग्न है॥ घार घन घोर घटा चहें और डोर ज्या-ज्या- धरती तपत मानों तवासी नपाय राखी चलत हिलारै त्या-त्यों फोरै बल य अरं । बडवा अनल - मम शैल जा जरत है। देह-नह तोरै परमारथसौं प्रीति जार नाकं शृग शिलापर जोर जग पांव धर , ऐसे गुरु और हम हाथ अजली करे ।। करन तपम्या मुनि करम हान है। .--कवि भृधरदाम - कवि भगवनीदाम
SR No.538009
Book TitleAnekant 1948 Book 09 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1948
Total Pages548
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size35 MB
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