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________________ ॐ अहम् वस्तुतत्त्व-सघातक " विश्वतत्त्व-प्रकाशक , PRATTIMIn वार्षिक मूल्य ५) एक किरणका मूल्य ।।) 00620 HIMAAlishabani :::: नीतिक्रोिषध्वंसी लोकव्यवहारवर्नकःसम्पक । परमागमस्य बीज भुवनैकगुरुर्जयत्यनेकान्तः । माच वर्षे ९ । किरण ३ वाग्मेवामन्दिर (समन्तभद्राश्रम), मरमावा, जिला सहारनपुर फाल्गुण, वीरनिर्वाण मवत २४७३, विक्रम मवत ००४ होली होली है !! ज्ञान-गुलाल पाम नहि, श्रद्धा ममता रङ्ग न गेली है। नहीं प्रेम-पिचकारी करमे , केशर-शान्ति न घोली है ॥ स्याद्वादी सुमृदङ्ग बजे नहिं , नहीं मधुर- रस-बोली है । कैसे पागल बन हो चनन । कहते 'होली होली है । ध्यान-अग्नि प्रज्वलित हुई नहिं , कमन्धन न जलाया है। अमभावका धुआँ उडा नहिं , मिद्ध म्वरूप न पाया है। भीगी नहीं जग भी देखो म्वानुभूनिकी चोली है। पाप धूलि नहि उड़ी, कहो फिर कैमें होली होली है" "* रचयिता--- 'युगपीर * श्रीमम्मेदशिम्बरकी बीमपन्थी कोटीके जैनमन्दिरकी एक दीवारको इस रचनासे अलकृत किया गया है --मुन्दर देटिंग द्वारा मोटे अक्षरों में इसे उमपर लिम्वा गया है।
SR No.538009
Book TitleAnekant 1948 Book 09 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1948
Total Pages548
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size35 MB
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