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________________ अनेकान्त [वर्ष ४ ११ वरष (वर्ष) १ मास ७ दिन ७ राज्यं कृतं' । तत: काबुल तहिं पाया राज्यं करोति इदानीं ॥ छ । राज्य कतं मल्लू राज्यं कृतं । पश्चात् दौलतिषां स्वां)राज्यं कृतं । संवत् वर्षे ६ दिन । संवत ११८८ वर्षे पोह वदि. - हुमाऊं १४७२ खदिरखान राज्यं कृतं वर्ष । संवत् १४७६ पारिवाहि"गज्य कगति वर्ष मास"रज्यं क्रियते । संवत् वर्षे वैशाख......"मुमारष पान राज्यं कृतं वरष (वर्य) ११। १५६७ वर्षे ज्येष्टमध्ये हसनसूरका पुत्र पाहि पालमु' संवत १४६० वर्षे फाल्गुण सुदी ११ सुक दिने मह राज्यं करोति । संनत १५६६ सलेममाहि गज्यं कृतं१२ मूद माहि जम्बकसु ?) वर्ष १२ राज्यं कृतं" । संवत् वर्ष । संवत् १६०८ वर्षे पेरोमाहि राज्यं वत१३ दिन १० । १५०२ वर्षे अल वदी मास ३६ । अमानतखो वर्ष ६ राज्य संवत् १६०८ अदनी र.ज्यं कृतं वर्ष ४ । संवत् १६१२ कृतं । संवत् १५०८ वर्षे वैशाख सुदी ३ सुनितानु बह असौज बदि २ हमा१" राव संत राज्य हिंदू (?) संवत् बोलमाहि' पठाणु लोदी राज्यं कतं वर्ष ३-मास दिन १६१२ फाल्गुण वदि २ अकबर१६ र ज्यं करोति । संवत् ८ राज्यं कृतं । संवत् १५४६ वर्षे मार्ग'सर मासे सुलितानु १६६२ कार्तिक सुदी १४ अकबरको पुत्र माह सलेम" वराहिमु राज्यं कृतं वर्ष ८ मास ५ राज्यं कृतं । संवत् राज्य करोति । संवत १६८५ साहसलेमको पुत्र शेरशाह १८ १५८२ वर्षे वैशाल मुदी ८ पातिशाहि बब्बर ९ मुगल सुलतान राज्यं करोति । १ वंशावलीमें मिकन्दरशाह, महभृदशाह, नसरतशाह, मद उपसंहार मुदशाह (द्वितीय) के नाम और पाए जाते हैं । और इन ऊपरके हम सब विवेचन परसे दिल्लीकी प्राचीनता मन्बका राज्यकाल वि.सं. १४४५ से १४५६ तक ११ एवं महत्ता प्रादिका कितना ही परिचय मिल जाता है। वर्ष दिया है। गुट के में ये नाम नहीं हैं। इसमें मालूम साथ ही, यह भी मालूम हो जाता है कि उसे कब और होता है कि उममें कोई भूल अथवा त्रुटि जरूर हुई है। (शेषांश पृष्ट ८२ पर) २ उक्त वंशावलीम दौलनम्बा लोदीका राज्यकाल वि.सं. २ वंशावलीम हमका रज्यकाल वि० में० १५८३ में १४६६ मे १४७१ तक दिया है। १५८७ तक ४ वर्ष दिया है। ३ इसका नाम ग्विजरवां और वंश सैयद या, और गज्य ११इसका नाम हुमायूं था और वंश 'सूर' कहलाता था। समय ७ बर्ष मं० १४७१ से १४७८ तक रहा है, ऐमा उक्त वंशावली के अनुमार इमका गज्य वि. मं. १५८७ उक्त वंशावलीसे जाना जाता है। से १५६६ तक रहा है। , यह मुइ जुद्दीन मुबारकशाह कहलाता था। उक्त शावली १२वंशावलीम हुमायूंक बाद इमलाशाहका राज्य वि० सं० में इसका राज्य समय वि० सं०१४७८ से १४६० तक १६०२ से १६०६ तक करना लिया है। पाया जाता है। १३वंशावलीमें मुहम्मद आदिलशाह नाम दिया है और गज्य ५ इसे मोहम्मयशाह कहते थे, उक्त वंशावलीमें इसका राज्य अमल वि० सं० १६०६ से १६१० तक बतलाया है। १० वर्ष वि० सं० १४६० से १५०० तक दिया है। १४-१५ये दोनो नाम वंशावली में नहीं पाये जाते किन्तु उसमें ६ यह श्रालमशाह कहलाता था। उक्त वंशावलीमें इसका इब्राहीम सूर और मिकन्दरशाह सूरके नाम दिये हैं। वि० सं० १५०० से १५०८ तक अाठ वर्ष बसलाया है हमायूं दमरी बार गद्दी पर बैठा था इमका वंश मुगल जब कि गुटके में ३ माम, पश्चात् श्रमानतखाका राज्य कहा जाता है। ६ वर्ष करना लिया है। श्रोझा नीकी वंशावली में इसका १६यह अकबरशाह कहलाता था, बड़ा राजनीतिश और कई उल्लेख नहीं है। योग्य शामक रहा है। ७-८इन दोनोंका गज्यकाल उक्त वंशावलीसे मिल जाता है। १७इसे जहांगीर कहते हैं। ६ इसका नाम इब्राहीम लोदी था, और उक्त वंशावलीम १८यह शाहजहाके नामसे मशहूर था। वंशावलीके अनुमार राज्यकाल वि० सं० १५७४ से १५८३ तक दिया है। इसका गच्य वि० सं० १६८५ से १७१५ तक रहा है।
SR No.538008
Book TitleAnekant 1946 Book 08 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1946
Total Pages513
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size68 MB
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