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________________ वीरसेवामन्दिरको प्राप्त सहायता अनेकान्तको सहायता गत किरण (६-७) में प्रकाशित सहायताके बाद गत किरण (६-७) में प्रकाशित सहायताके बाद वीरसेवान्दिरको सदस्य फीसके अलावा जो अनेकान्तको जो सहायता प्राप्त हुई है वह निम्न सहायता प्राप्त हुई है वह क्रमशः निम्न प्रकार है, प्रकार है, और इसके लिये दातार-महानुभाव जिसके लिये दातारमहानुभाव धन्यवादके प्राप्त हैं:- धन्यवादके पात्र हैं :१००) ला० कपूरचन्दजी जैन रईस, कानपुर (सफर ५) ला० मिश्रीलाल पद्मकुमारजी जैन सौगानी, खर्चकी सहायतार्थ श्राग्रहपूर्वक प्रदान )। हाथरस (विवाहके उपलक्षमें मार्फत ला० सुगनन्द ५) बाबू कबूलसिंह दुनीचन्द जैन साढौरा जिला गंगवाल लखनऊ)। अम्बाला (पुत्र-विवाह की खुशीमें )। ५) ला० राजाराम महावीरप्रसादजी जैन मगरौनी . ४४||) बा० जयन्तीप्रसादजी जैन, न्यू देहली। जि० ग्वालियर (चि० पुत्र नेमीचन्द्र के विवाहो५J लागिरीलालजी जैन, मुजफ्फरनगर (चि० पलक्ष में)। ___ पुत्र विमलप्रसादके विवाहकी खुशीमें। २) बाबू मनोहरनाथजी वकील बुलन्दशहर और ६) ला० धर्मदासजी जैन स्टेशनरी मर्चेन्ट देवबंद ला० महावीरप्रसादजी खजाश्ची सैन्ट्रल बैंक ब्रांच जि० सहारनपुर (७ तालोंके मूल्य रूपमें । बुलन्दशहर (भ्राता वीरेश्रर और पुत्री उर्मिलादेवी १०) पं० दीपचन्दजी जैन पांड्या, केकड़ी (अजमेर) के विवाहोलज्ञमें)। (चिरञ्जीव पुत्री भंवरीदेवीक विवाहोपलक्षमें)। १७०11) १२) नोटिस यह यकीन करनेकी वजह मौजूद है कि बगैर लाइसेंस हासिल किये हुए अम्लाह खास तौरसे रायफल, रिवाल्वर, और पिस्तौलकी एक बड़ी संख्या फौजसे निकले हुए सिपाही जङ्गके इलाकोंसे । इस प्रान्तमें लाये हैं। गवर्नमेंटने यह फैसला किया है कि इन सिपाहियोंको एक मौका दिया जाय कि वह इनके लिये लाइसेंस हासिल करलें इसलिय मुशतहर किया जाता है कि अगर फौजसे U निकला हुआ सिपाही इस नोटिसके एक माहके अन्दर हथियार पेश कर देता है और इसके लिये । लाइसेंसके लिये दरख्वास्त देता है तो उसके खिलाफ मुकदमा नहीं चलाया जायगा और लाइसेंस * की मंजूरीके मुताल्लिक सोच विचार किया जायेगा और फौजी सेवायें जो इसने अंजाम दी हैं । 0 इस पर ध्यान दिया जायगा । बगैर लाइसेंसके हथियारका रखना सख्त जुर्म है । तमाम फौजसे ) निकले हुए सिपाहियों के फायदे के लिये मशवरा दिया जाता है कि वह इस रियायतसे फायदा उठायें। " और हथियार मय कारतूस बारूद वगैरा दरख्वास्तके साथ सब डिविजनल मैजिस्ट्रेट के सामने नियत समयसे पहले पेश करदें। दस्तखत जे० ओ० एन० शुक्ला __ मेजर एम० बी० ई० मोहर अदालत डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट (सहारनपुर) ३०-५-४७
SR No.538008
Book TitleAnekant 1946 Book 08 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1946
Total Pages513
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size68 MB
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