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________________ विषय-सूची .... १ परमात्म-वन्दन-[सम्पादक .... २ श्रा० अनन्तवीर्य और उनकी सिद्धिधिनिश्चय-टीका-न्या० पं० दरबारीलाल कोठिया ३ रादरसे पूर्वका लिम्बी हुई ५३ वर्षकी 'जंत्रीखास'०-[सम्पादक ४ श्री जम्बूजिनाष्टकम---श्री पं० दरबारीलाल जैन, कोठिया ५ भगवान महावीर और उनका सन्देश-[श्री कस्तग्सा सावजी बी०ए. ६ पात्मानुशासनका एक संदिग्ध पद्य-श्री लक्ष्मीनारायण जैन ..." ७ स्व. बाय सूरजभानजी वकील-[श्री दौलतराम 'मित्र' ... ८. रत्नकराड और प्राप्तमीमांसाका एक कर्तृत्व अभी तक सिद्ध नहीं-(प्रो०हीरालाल एम० ए०"" ६ श्रीधवलाका रचनाकाल-श्री प्रफुल्हकुमार मोदी एम० ए० एल-एल.बी. १० माहित्यप्रेमी श्री अगरचन्दजी नाहटा-[श्री हजारीमल बाँठिया ११ महावीर-उपदेशावतार-श्री पं० अजितकुमार जैन, शास्त्री .... १२ जेसलमेर के भंडारों में प्राप्त कल नवीन ताइपत्रीय प्रतियां-[श्री भँवरचन्द्र भंवरलाल नाहटा १३ सचा कर्मयोगी (कविता)-[श्री माधव शुक्ल "" १४ हरिषेण कृत अपभ्रंश-धर्मपरीक्षा-श्री प्रो०ए०एन० सपाध्ये, अनु०.राजकुमार शास्त्री १५ वानर-महाद्वीप-(सम्पादकीय नोटसहित) [श्री प्रो. ज्वालाप्रसाद सिंहल एम० ए० १६ जैन मरस्वती-श्री बा ज्योतिप्रसादजी जैन एम०ए०, एल-एल.वी. १७ क्या मथुग जम्यूस्वामीका निर्वाणस्थान है ? -[पं० परमानन्द शास्त्री - वीरसेवामन्दिरको सहायता । भनेकांतको सहायता 'गत जन-जु नाई मामकी किरण११-१२ में प्रकाशित पिछली किरण ११-१२ में प्रकाशित सहायताके बाद महायता के बाद बार सेवामन्दिर सरसावाको मनस्यकीसके अनेकान्तको जो सहायता प्राप्त हुई है वह कमशः निम्नप्रकार मलाया जा महायता प्रान हुई है वह कमशः निम्न प्रकार है, जिसके लिये दातार महानुभाव धन्यवाद के पात्र है:है और उसके लिये दातार महानुभाव धन्यवाद के पात्र है- ६००) बा. छोटेलालजी जैन रईस कलकत्ता (पूर्व स्वीकृत ५) श्रीमती भगवती देवी धर्मपत्नी ला. रूडामलजी जैन सहायता)। शामियाने वाले सहारनपुर । २) ला. मूलचन्द केसरीप्रमादजी पानीपत जि० करनाल (पिता ला० मनोहरलालजीके स्वर्गवासके उपलक्ष में | ५) श्रीदिगम्बरजैन पंचायत किशनगढ (जि . जयपुर) ५) ला. कैलाशचन्दजी जैन रईम बूडिया जि० अम्बाला (पर्दूषणपर्व के उपलक्ष में) (चि० पुत्र गजेन्द्रप्रसाद की शादीके उपलक्षमें)। श्रीदिगम्बर जैन पंचायत, गया (दशलक्षण के उपलक्षमें) मोशनाशजी जैन बी. ४० वकील बलन्दशहर ५) ला० सुमेर चन्द केदारयाबूजी जैन क्लाथमचेंट, (बहन शान्निदेवी 'रत्न' के अन्तर्जातीय विवाहके बहराईच। उपलक्षमें जो बा. ज्ञानेन्द्रकुमार गंगरेवाल जैन. २५०) श्रीसकल दिगम्बर जैन पंचायत कलकत्ता (दशलक्षण बी.ए. (अलीगढ के साथ हुश्रा)। पर्व के उपलक्ष में)। १०) ला• गनपतरायजी सेठी जैन, लाडनू जि० मान ४८) बाबू छोटेलालजी जैन नईम कलकत्ता (सफरखर्च की (चि. हीरालाल के विवाहोपलक्षमें)। सहायतार्थ ३१८) अधिष्ट ता वीरसेनामन्दिर' ६१६) व्यवस्थापक प्रक
SR No.538008
Book TitleAnekant 1946 Book 08 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1946
Total Pages513
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size68 MB
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