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________________ वीरसेवामन्दिरको सहायता । दी प्रिन्सिपल जैन कालेज सहारनपुर २ दी प्रिन्सि पल जैन कालेज, बदौत ३ वीर दि. जैन विद्यालय मु. प्रथम किरणमें प्रकाशित सहायताके बाद वीरसेवा- पपौरा पो टीकमगद सी. आई. ४ मैनेजर श्री जैनगुरुमन्दिरको सदस्य कीसके अलावा जो सहायता प्राप्त हुई। कुल पो. मलरा via विजावर जि. झांसी, ५ मैनजर वह क्रमशः निम्नप्रकार है और उसके लिये वे श्रीऐ. प. दि. जैनसरस्वती भवन ब्यावर (अजमेर) ६ सब धन्यवादके पात्र हैं। मैनेजर श्री उत्तर प्रान्तीय दि. जैन गुरुकुम, सहारनपुर ११००) बा. छोटेलालजी जैन रईस कलकत्ता (अपनी ३१॥) श्रीमन्तमठ लघमाचन्द जी जैन भेलसा ग्वालियर । धर्मपत्नी स्व. मंगाबाई दानद्रव्यमेंसे पूर्व स्वीकृत (निम्न ६ स्थानोंको अनेकान्त फ्री भिजवाने के लिये श्री ५०००) की सहायतामें १०० की वृद्धि के साथ) दिगम्बर जैन वहा परचार मन्दिर, ग्वालियर २ श्रीमान् सूवा १०.) ला कन्हैयालाल बजवन्तसिंहजी जैन, खतौली माहिब जिला कलेक्टर, भेलमा (ग्वालियर) ३ दी हेडमास्टर • जिला मुजफ्फरनगर (लायब्रेरी में ग्रंथ मंगाने के वी. श्रीमन्तसेठ लचमीचन्द जैनहाईस्कूल, जायरी भेलमा लिये) मा. पं. परमानन्द जैन शास्त्री। ( ग्वालियर ) श्री दि. जैनपुस्तकालय ठि. जैनधर्मशाला. ३०)ला. बाबूराम अकलंकप्रसादजो जैन तिम्सा जि. भोपाल ५ पार्वजनिक वाचनालय, जैनधर्मशाला माधवगंज मुजफ्फरनगर(धर्मकीर्तिके प्रमाणवात्तिक स्वो. माष्यको भेलमा (ग्वालियर) ६ श्री दि० जैनमन्दिर वासौदा ठिक भन्नामंगाने के लिये) मा. पं. परमानन्दजैन शास्त्री। लाल दुजीचन्दजी जैन. वासौदा, (ग्वालियर) ७ श्री दुली५२३०) चन्द सीमतरायजी जैन, मंडी गुलाबगंज, ८ श्री दि. जैन अधिष्ठाता चैत्यालय, भेलसा (ग्वालियर) ६ ला प्रेमचन्दजी जैन, वीरसेवामन्दिर, सरसावा माधवगंज भेलसा (ग्वालियर)।। ५) ला. तनसुखरायजी जैन, तिम्मा जि. मुजफ्फरनगर ५) हकीन ना. चन्द्रसैन ,, , गत दूसरी किरण में प्रकाशित सहायताके बाद अनेकान्त को जो सहायता प्राप्त हुई है वह क्रमश: निम्नप्रकार है, ६२॥) जिसके लिये दातार महानुभाव धन्यवाद के पात्र हैं:२१) ला० उदयराम जिनेश्वरदासजी जैन बजाज मैनेजर 'अनेकान्त' सहारनपुर । (निम्न ६ संस्थानोंको अनेकान्त अपनी ओरमे वीरसंवामन्दिर, सरसावा फ्री भिजवानेके लिये) सहारनपुर अनेकान्तको सहायता केवल पुस्तकालयोंके लिये - हिन्दीके मशहूर लेखकांके कद्दानी, उपन्यास, कविता, नाटक, काव्य श्रादिकी पुस्तकोपर हम केवल पुस्तकालयों को ६ प्रतिशतसे २५ प्रतिशत तक कमीशन देते हैं। श्राज ही नियम और सूचीपत्र मंगाईये । दुकानदार और श्राम जनता इन नियमोसे लाभ नहीं उठा सकेगी। कथा कहानी और संस्मरण भारतका श्रादि मम्राट कर्म फल कैसे देते हैं सम्यग्दर्शन की नई खोज भविष्यदत्त चरित्र धन्यकुमार चरित्र अकंलक नाटक सतीमनारमा उर्फ धर्मकी देवी दर्शन कथा, दर्शपालन, दर्शप्रतिज्ञाशील महिमा, जैन ऋषि हरेक ) पोस्टेज अलग -कौशलप्रसाद जैन, कोर्ट रोड, सहारनपुर SES अद्भुत पुस्तकें राजपूताने के जैन वीर हमारा उत्थान और पतन २) १)
SR No.538008
Book TitleAnekant 1946 Book 08 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1946
Total Pages513
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size68 MB
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