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________________ अनेकान्तके इस वर्षके सहायक अाठवें वर्षके अनेकान्तको संस्थाओं, विद्वानो और १७१) बा. नेमीचन्दजी पाटनी, मदनगंज (किशनगढ़) लायरियोंके लिये भिजवाने के जिन मजनाने अार्थिक (इन पाच संस्थाश्राका की भिजवाने के लिये-१ सेक्रेटरी सहायताके वचन दिये हैं अथवा सहायता में न नेकी कृप भण्डारकर औरयन्टल रिसर्च इन्स्टिट्यूट पूना नं. २, की हे उनके नाम मधन्यवाद मय सहायनाकी रकमवे. २ माटगदी याचिकोलाजिकल डिपार्टमेंट ग्राफ मसूर, नीचे दिये जाते है: बंगलौर, ३ लायरिबन बम्बई यूनिवभिटी, ५ मैनेजर २०) प्रकाशचन्द्रजी जैन रईभ, नानौता निला नागरी प्रचारिणी सभा, बनारस । ३५) मशीर बहादुर मंट गुलाबचन्दनी गपा, दादार महाग्नपर (दश संस्थानो या विद्वानीको अनेकान्ल अह. EिA स्थानीको अपनी ओर से की गिनवाने क. लिये-- मूल्यम देने के लिये। १ मंना मावजनिक वाचनालय, गोगकगट, इन्दौर २०) जैन मंगटन सभा, बदाइंधीरज, देहली (दश २ लायरियन दी गवर्नमेन्ट कालेज, अजमेर संस्थाश्रा या दश विद्वानोको अर्द्ध मूल्यम देने के लिये) ३ लापारयन बनारसीदास कालेज लायग्रेग अम्बाला केन्द्र २१) ला. रूडामलजी शामियाने वाले, महारनपुर ४ मी० एस० मल्लिनाथ जैन ६ स्थानीको फ्री भिजवाने के लिये, जो इस प्रकार है:-- ३७, बलम्बाल स्ट्रीट पी० अमीनी कागय मद्राम १ पं० हमित्यभट्टाचार्य कलकत्ता, २ मर यदुनाथ सरकार मैनेजर दिन्दम्मान पकडेमी: इलाहाबाद कल कना, ३ पं. वासुदेवशरण अग्रवाल नयूरेटर, देहली ६ लायरियन कनकना यूनिसिटी कलकाना भ्यूज़ियम, ४ चा गुलाबगय एम० ए० मम्पादक मादित्य मंत्री मंशवाचनालय बटा मगफा, इन्दौर सन्देश आगरा, ५ पं० एम० गोविन्द पै. मंजेश्वरम , मा उथ ८ लायसन, किंग दिवई कालेन, अमरावती कनाग, ६ मुपरिन्टेन्डेन्ट, म्यादा दमहाविद्यालय, भदनी हलाप ग्यन श्रीरयन्टल कालेज, लाहौर घाट बनारमा १० लायन ग्रिन विक्टोरिया कालेन, ग्वालियर केवल पम्तकालयोंके लिये हमारा उत्थान और पतन कथा कहानी और संस्मरगा हिन्दी के मशहूर लेखकों के कहानी, उपन्याम, भारत का आदि सम्राट कविता, नाटक, काव्य आदि की पुस्तकों पर हम केवल कर्म फल कैम देते हैं पुस्तकालयों को ६ प्रति त म २५ प्रतिशत तक सम्यग्दर्शन की नई खोज कमीशन देते हैं। आज ही नियम और सूचीपत्र भविष्यदत्त चरित्र मंगाईये। धन्यकुमार चरित्र दुकानदार और आम जनता इन नियमों में लाभ अकंलक नाटक नहीं उठा सकेगी। मतीमनोरमा उर्फ धर्म की देवी अद्भुत पुस्तके दर्शन क या, दर्शपालन, दर्शतिज्ञाशील महिमा, जैन ऋपि हरेक) पोस्टेज अलग गजपूतान के जैन वार २) -कौशलप्रमाद जैन, कोर्ट रोड, सहारनपुर विलम्बका कारण इस किरणका मैटर ३१ जनवरीको प्रेसमें उसी ममय देदिया गया था जब पहली किरण रवाना कीगई थी, परन्तु उसने समयपर छापकर नहीं दी, इस कारण इसके प्रकाशनमें विलम्ब होगया । इस मजबूरी के लिये पाठक क्षमा करेंगे । हम मुद्रण की उचित व्यवस्था कर रहे हैं जो शीघ्र ही हो जानवाली है। -प्रकाशक
SR No.538008
Book TitleAnekant 1946 Book 08 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1946
Total Pages513
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size68 MB
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