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________________ Regd. No. A-731. अनुकरणीय (जिन सज्जनोंकी ओरसे अनेकान्त जहां फ्री भेजा जा रहा है उनकी सूची इससे पिछली किरणों में प्रकाशित हो चुकी है । आगेकी सूची निम्न प्रकार है-) , श्रीमंत सिताबराय लचमीचंद दि० जैनमंदिर स्टेशन ८ श्री रामस्वरूपजी वकील भेलसा (ग्वालियर)। १ श्रीमान् सबजज सा० भेजसा २ श्री दि. जैन चैत्यालय बा. पन्नालाल भैयालाल १० श्रीमान् सूगासाहब भेजसा माधौगंज भेलसा (ग्वालियर)। " श्रीमान् डिस्ट्रक्ट सेशन जज भेलसा , ३ श्री दि. जैन परवारमंदिर अंदर किला भेलसा १२ श्रीमान् सेक्रेटरी पखार जैनमरत (मन्दर किला बने (ग्वालियर)। मंदिरके पास) भेलसा (ग्वालियर)। ४ श्री दि.जैन खंडेलवाल मंदिर अंदर किला भेलसा १३ श्रीमान् सुपरिन्टेन्डेन्ट सा पुलिस भेलसा (ग्वा• स्टेट) (ग्वालियर)। १५ श्री दि. जैन मंदिर चौक बाजार भोपालस्टेट । * श्री दि. जैन चैत्यालय मा. किशनचन्द भुषालाल १५ श्रीमान् प्रेमसागरजी मार्फत मंत्री माणिकचन्द भेलसा (ग्वालियर)। दृष्टफंड १३. जौहरी बाजार बम्बई। ६ श्री श्वेताम्बर जैन मन्दिर मार्फत बा. तस्तमलजी १६ श्रीमंत सेठ सिताबराय लचमीचंद जैन हाई स्कूल, वकील भेलसा (ग्वालियर)। भेबसा ग्वालियर स्टेट । क्रमशः ७ श्री केशव शास्त्री मन्दर किला भेलसा (ग्वालियर स्टेट) व्यवस्थापक 'अनेकान्त' सहायता गतकिरणमें प्रकाशित सहायताके बाद अनेकान्तको २१. निम्न सहायता प्राप्त हुई है जिसके लिये दातार महोदय धन्यवादके पात्र है २५) श्रीमान् जा. मुन्नालालजी कागजी लखनऊ निवासी (अपनी धर्मपत्नीके स्वर्गवासके समय निकाले हुए दानमें से)। भूसुधार नयोंका विश्लेषण वाले लेखसे 'सिंह सेनापति' तक पेजोंकी संख्या गल्ती २३.रे स्थान पर ३५.अप गई, अत: पाठक सुधार कर पढ़ें। जैन प्रगति ग्रन्थमाला जैन समाजमें अनूठे प्रकाशनकी योजना समाजमें आधुनिक ढंगका जैन साहित्य प्रकाशित करनेके पुनीत विचारमे उपरोक्त प्रन्थमालाकी स्थापना की गई है, इस प्रन्थमालाका प्रथम प्रकाशन तुलनात्मक अध्ययनके प्रसिद्ध विद्वान स्वामी कर्मानन्द जी द्वारा लिखित "कर्म और फल" प्रकाशित हो गया है। इस पुस्तक में जैन धर्मके प्रसिद्ध कर्म-सिद्धान्त जैसे गूढ़ विषयको आजकी सरल भाषा में अन्य भारतीय दर्शनोंके तुलनात्मक अध्यायनके साथ दर्शाया गया है। -)आनेके टिकट मंगाकर निम्न पतेसे मंगालें कौशवप्रसाद जेन कोर्ट रोड सहारनपुर मुद्रक, प्रकाशक पं. परमानन्दजी शासी वीरसेवामन्दिर सरसावाके लिये श्यामसुन्दरखान श्रीवास्तव द्वारा श्रीवास्तवप्रेस सहारनपुर में मुद्रित
SR No.538006
Book TitleAnekant 1944 Book 06 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1944
Total Pages436
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size28 MB
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