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________________ किरण ] एक सरस कवि ३६० और सींचा जा सकता है जब सीधी तरह उसे आकर्षित स्वीकार कर लीजिए। नहीं किया जा सकता तो वह कुछ भाकर्षण रखता अहा ! हादय वीणा एक दम अंकरित हो उठती देखिए प्रारम रहस्यमें मस्त होनेके लिए कैसा प्रबोमन कविन शब्दकोषके सभी मधुर और सरल शब्दोंको चुन दिया जा रहा है। शब्दोंका सुन्दर चुनाव सरसता और कर गूथा है। कौन कठोर हदय होगा जो सुमतिकी इस मधुरताकी विदेशी कविके इस एक ही पचम भापको रस भरी प्रार्थनाको स्वीकार न करेगा! मिलेगी भीर भापमानंद विभोर हो जायेंगे भाप कविकी सरलता पापकी कविताका जीवन है और थोडे शब्दों इस रस भरी प्रार्थना पर अवश्य ही रीक जायगे पदिए--- में अर्थका भंडार भर देना यह भापकं काग्थकी खूबी। कहाँ कहाँ कौन संग, बागेही फिरत बाबा, सरसता और सुन्दरताके साथ मारमशानका मापने इतना भावो क्यों न आज तुम ज्ञानके महल में। मनोरम संबंध जोबा है कि वह मानवोंके हृदयोंको भाकनेकहु विलोकि देखो, अंतर सुरष्टि सेती, षित किए बिना नहीं रहता। कैसी कैसी नीकी नारि खदी है टहलमें। आपकी रचनात्रोंका सुन्दर संग्रह ग्रंथ ब्रह्मविलास' एकन तै एक बनी सुन्दर सुरूप धनी, है। इसमें भापके द्वारा रचित ६. कवितामोंका संग्रह है उपमा न जाय गनी रातकी चहबमें। समी कविताएँ एकसे एक उत्तम सरस और सदयमाहिणी ऐसी विधि पाय कहूं भूमिहूँ न पाय दीजे, हैं अंतमें कविका सीधे शब्दों में एक रहस्थमय पथ सुनाकर पतो कमो वाम बीजे बीनती सहलमें। हम इस निबंधको समाल करते हैं। यदि पाठकोंकी इका हे काल! तुम किस के साथ कहाँ कहाँ बगे फिरते हुई तो कविके काव्य पर विस्तृत प्रकाश डालेंगे अच्छा हो भाज तुम ज्ञानके महलमें क्यों नहीं पाते ! अब प्रारमज्ञानका रहस्य कविके सीधे शब्दों में सुनिए । म अपने दिलके अन्दर जरा गहरी नज़रसे तो देखो. कहा मुडाए मूड, बसे कहा मटका कैसी र सुन्दर रमसिएं तुम्हारी सेवामें खदी है! कहा नहाए गंग, नदीके तहका एकसे एक सुन्दर मनोहर रूप वाली जिनकी तुलना कहा वचनके सुने कथाके पट्टका संसारकी बाखाएं नहीं कर सकती! जो बस नाही तोहि पसेरी भट्टका' इस तरह के सुन्दर साधन प्रास कर कहीं भूल कर भी पांच मत रखिए, मेरी यह इतनी सी प्रार्थना सहजमें ही १ पसेरी बहका मन
SR No.538006
Book TitleAnekant 1944 Book 06 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1944
Total Pages436
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size28 MB
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