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अनेकान्त
[वर्ष ५
महत्त्वकी प्रश्नोत्तरी प्रश्न- संसारमें सार क्या है ?
प्रश्न-दरिद्रता क्या चीज है ? उत्तर-मनुष्य होकर तत्वज्ञानको प्राप्त करना और स्व-परके उत्तर-असंतोष का नाम दरिद्रता है, जहा संताप है वहां हितसाधनमें सदा उद्यमी रहना ।
दरिद्रताका नाम नहीं। प्रश्र- संसारको बढ़ानेवाली बेल कौनसी है ?
प्रश्न-नरक क्या है ? उत्तर-बाशा-तृष्णा।
उत्तर-गधीनताका नाम नरक है। प्रश्न- संसारमे पवित्र कौन है ?
प्रश्न-मित्र कौन है ? उत्तर-जिसका मन शुद्ध है।
उत्तर-जो पापोमे प्रवृत्त होने अथवा कुमार्गमें जानेसे प्रश्न- पंडित कौन है ?
रोकता है। उत्तर-जो हय-उपादेयके ज्ञानको लिये हुए विवेकी है। प्रश्न—मनुष्यका असली श्राभूषण क्या है ? प्रश्न- बड़े लुटेरे कौन है ?
उत्तर-पवित्र श्राचार-विचाररूप शील । उत्तर-इन्द्रिय-विषय, जो अात्माके ज्ञान-वैराग्यादि धनको प्रश्न-वाणीका भूषण क्या है ? लूट रहे हैं।
उत्तर-सत्यताके साथ प्रिय भाषण प्रश्न-बड़ा बेरी कौन है ?
प्रश्न-असली माण कौनसा है ? उत्तर-श्रालस्य-अनुयाग, जिसके कारण अात्मा विकमित उत्तर-मूर्खता, जिसमें आत्माक ज्ञान गुणका तिरोभाव नही हो पाता और न भले प्रकार मी मकता है।
होजाता है। प्रश्न-शूरवीर कौन है?
प्रश्न-किनमे सदा उपेक्षाभाव रखना चाहिये ? उत्तर-निमका चित स्त्रियोके लोचन-वाणी (कटाक्षों) से उत्तर-दुर्जनोम, पर स्त्रियाम और पराये धनमे । व्यथित नहीं होता।
प्रश्न-किसको अपनी प्यारी महचरी बनाना चाहिये ? प्रश्न-अन्धा कौन है ?
उत्तर-दया, चातुरी और मैत्रीको। उत्तर-जो न करने योग्य कार्य के करनेमे लीन है। प्रश्न-कण्ठगत प्राण होनेपर भी किसके सुपर्द अपनेको प्रश्न-बहरा कौन है ?
नही करना चाहिये? उत्तर-जो हितकी बातें नहीं सुनता।
उत्तर-मूखके,विषादयुक्तके, अभिमानीके और कृतघ्नके । प्रश्न-गंगा कौन है ?
प्रश्न-धन होनेहर शोचनीय क्या है ? उत्तर-जो समयपर प्रिय वचन बोलना नहीं जानता। उत्तर-कृपणता। प्रश्न-अन्धेसे भी अन्धा कौन है?
प्रश्न-धनकी अत्यन्त कमी (निर्धनता) होने पर प्रशंसनीय उत्तर-जो रागी है-किमी विषयमें श्रामक्त होकर विवेक
क्या है ? शून्य होगया है।
उत्तर-उदारता। प्रश्न-जागता कौन है ?
प्रश्न-चिन्तामणि के समान दुर्लभ क्या है ? उत्तर-जो विवेकी है-भले बुरेको पहचानता है ?
उत्तर-प्रियवाक्यसहित दान, गवरहित ज्ञान क्षमायुक्त प्रश्न-सोता कौन है ?
शूरता और दान सहित लक्ष्मी, ये चार कल्याणउत्तर-जो मूढताको अपनाये रखता है और श्रात्मामें विवेक
कारी चीजे अत्यन्त दुर्लभ है।* को जाग्रत नही होने देता। प्रश्न-पूज्य कौन ?
यह प्रश्नोत्तरी अमोघवर्षको 'प्रश्नोत्तर-रत्नमालिका' संस्कृत उत्तर-जो सच्चारित्रवान् है।
के आधारपर नये ढंगसे संकलित की गई है।-सम्पादक