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________________ अनेकान्तके सहायक अनुकरणीय गत १२वी किरणमे प्रकाशित सहायताके बाद अनेकान्त को द्वितीय-तृतीय मार्गसे ४६॥) की नीचे लिखी सहायता प्राप्त गतवर्ष जिन सजनोंने अनेकान्तकी ठोस मेवानोंके हुई है, जिसके लिये दातार महाशय धन्यवाद के पात्र है:प्रति अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उसे घाटेकी चिन्ताले १०) लामिग्रसैनजी जैन रिटायई मुन्स रिम, मुज़तपरनगर मुक्त रहकर निराकुलतापूर्वक अपने कार्यमे प्रगति करने और (चार संस्थाओं आदिको अनेकान्त एक वर्ष फ्री अधिकाधिक रूपमे समाजसेवायोमे अग्रसर होनेके लिये भिजवाने के लिये) आपने गत वर्ष भी १०) रु. की सहायताका वचन देकर उसकी सहायक श्रेणी में अपना नाम सहायता प्रदान की थी। लिखाया था, उनमेसे जिन्होने जितनी सहायता भेजकर ११॥)देहली सदर बाजारके एक सजनकी भोर से गुप्त सहायता संचालकों के उत्साहको बढ़ाया है उनके शुभ नाम सहायता चार सं०कोफ्री और एक विद्यार्थीको अधमूल्यमेवेने के लिये की रकम-सहित इस प्रकार है: ३) बा. मोतीलालजी नाज़िर मिविलकोट, देहरादूनमे दो विद्यार्थियोंको अनेकान्त अर्धमयमे देनेके लिये। १२५) बा. छोटेलालजी जैन रईस, कलकत्ता। १०१) बा. अजितप्रसादजी जैन एडवोकेट, लखनऊ । १०) बा. राजकिशनजी जैन दरियागंज, देहली। १०१) बा. बहादुरसिंहजी सिंघी, कलकत्ता । (अपने पुत्र चि० प्रेमचन्द के विवाहकी खुशी में) १००) साह शान्तिप्रसादजी जैन, डालमियानगर । १०) ला. बैजनाथसहायजी, मिजाना जि०मुजफ़्फ़रनगर । (अपने दोहिय चि० प्रीतममिहके विवाहकी खुशी में)। १००) बा० शांतिनाथ सुपुत्र बा० नन्दलालजी जैन, कलकत्ता। १०.) सेठ जोग्वीरामजी बैजनाथजी सरावगी, कलकत्ता। २) ला० मुलेलालजी जैन मुगदाबाद निवासी और ला. प्यारेलालजी जैन हरयाना निवासी, हाल लोहागद ५५) रा० ब० बा. उलफतरायजी जैन रि० इजीनियर, मेरठ। (पुत्र-पुत्रीके विवाह पर निकाले गये दानमेमे)। ५०) माह श्रेयांमामादजी जैन लाहौर । व्यवस्थापक 'अनेकान्त' ४०) बा. लालचन्दजी जैन एडवोकेट, रोहतक । वीरमवामन्दिरको महायता ५०) बा. जयभगवानजी वकील आदि जैन पंचानन,पानीपत। वाग्मेवामन्दिर सम्मावाको निम्न सजनोंकी पोरसे ५०) लादलीरसिंह कागजी और उनकीमार्फत, देहली। २८) २० की सहायता दास हुई है, जिसके लिये दानी २५) प. नाथूगमजी प्रेमी, हिन्दी ग्रन्थ रत्नाकार, बम्बई । महानुभाव धन्यवाद के पात्र हैं:२५) ला० रुटामलजी जैन, शामियाने वाले, सहारनपुर।११) बारात शनी जैन दरियागंज, दहली (पुत्र २५) बा० रघबरदयालजी जैन. एम ए करोलबाग, देहली। चिमचन्द्र के विवाहकी खुशीमे)। २५) पेठ गुलाबचन्दजी जैन टोंग्या, इन्दौर। ११) मेट चिरंजीलालजी जैन, काछवा जि० करनाल । २५) ला. बाबुराम अकलाप्रसादजी जैन, तिस्मा, जिला ३) ला किशनस्वरूपचन्द जैन बकरी बाज़ार, इन्दौर मुजफरनगर। (अपने पारोन्य-लाभकी खुशीम)। २५) सवाई सिंघई धर्मदास भगवानदासजी जैन, सतना । २) ला हरज्ञानासहजी जैन कानपुर और बैंच पं. २५) ला दीपचन्दजी जैन रईस देहरादून । । ___ जयचन्द्रजी कानपुर (विवाहकी खुशीम)। २५) ला प्रद्युमनकुमारजी जैन रईस, सहारनपुर । ११) बा. विमलप्रसादजी जैन, सदर बाजार, देहली। १७) मुंशी मुमतप्रसादजी जैन, रि• अमीन, महारनपुर । अधिष्ठारावीम्सेवामन्दिर, सरसावा आशा है अनेकान्नके प्रेमी दूसरे मजन भी आपका विलम्बके लिये क्षमा-प्राथना अनुकरण करेंगे और शीघ्र ही सहायक स्कीमको सफल सरकारी कामके भा अनुरोध-वश घबकी बार अमेकान्त' वनाने में अपना पूरा सहयोग प्रदान करके यशके भागी बनगे। को छापकर देने में जो अाशातीत विलम्ब हश्रा है. उसके लिये व्यवस्थापक 'अनेकान्त हम अनेकान्त के पाटवास क्षम.के प्रार्थी है। वीरमेवामन्दिर, मरमावा (महारनपुर ) -मैनेजर 'श्रीवास्तव प्रेम'
SR No.538005
Book TitleAnekant 1943 Book 05 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1943
Total Pages460
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size28 MB
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