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________________ ४८ अनेकान्त [ वर्ष ४ "पवन प्रभजन गंधवह, अनिल वात पवमान । मरकत मुफन प्रवाल तहँ, बैडूरज नवभेद ।।५८|| मानतमान समीर हगि, पावहित नभस्वान ॥४८॥ कंबु संख 'कच्छप कमठ, दादुर मिंडक भेक। . १ जमुनीबंधव समन हरि, धरमराज जम कालक। प्रचुर प्रभून सुबहुल बहु, अगनित भूरि अनेक।।५९।। "पल्बन दाहन भयकरन, घोर तिगम विकराल ॥४९॥ लच्छि धनंतरि कौसुतुभ, रंभा इंद्रतुरंग । " "दिवा दिवस वासर सुदिन," रजनी निसा निजामा पारिजात विष चंद्रमा, कामधेनु सारंग ॥६॥ जामिनि छपा विभावरी, तमी तामसी नाम ।।५०॥ सुग संग्ख पीयूषरस, ऐगवत-गज सार । "सिंधु समुद सरिताधिपति, अंयुधि पारावार । मिधु-मथन करि प्रगट किय, चौदह रतन पदार।।६।। अपार सागर उदधि, जलनिधि रतनागार ॥५१॥ ७"वनिक संठि गाडा(था)धिपनि, व्यवहारी धनवान । "सलिल उदक जीवन भुवन, अंबु वारि विष नीर। ...... नाव पोन प्रोहन तरन, वाहित वाहन जान ॥६॥ । अमृत पाथ वन तोय पय, अंभ आप जल क्षार ।।१२।। ., दिवसरित मंदाकिनी, गगनवाहिनी गंग। "'अवलि तरंग कलोल विचि, भंग "पालि जल यांद। त्रिपथगमनि भागीरथी, मितिय धवलनरंग ॥६।। अवघि सीम उपकंठ तट, कूल गंध मरजाद ॥५३।। । ""कमल तामरस कोकनद, पंकज पदम सगंज । “सरिता धुनी तरंगिनी, नदी आपगा नाम । कंज नलन अरविंद मित, पंडरीक अंभोज ॥५४॥ कालिंदी रविनंदनी, जमुना हरिविश्राम ॥६४॥ इंदीवर नीलांतपल, पुहकरनाल मृनाल। भूमि रसाछिति मेदिनी, छोणी छमा जगत्ति । ६२सांसविकास कैरव कुमुद, हृद सरसी सर ताल ।।५५।। अवनि अनंता कुंभिनी, गोधरनी वसुमत्ति ।६।। ६ “मकर तिमंगल वारिचर, प्रथुगमा पडछीन । अचला इला वसुंधरा, धग महो धर संस । निमि जलजंतु बिमारि झप, सफरी रोहित मीन ५६ "भुवन लोक संसार जग, ८२जनपद विषय सुदेस ॥६६॥ ६"पावन पूत पवित्र सुचि, ६६अवलंबन आधार। पंसु रेनु रज धूलिका, “परिष पंक जंबाल । "कभ कलस श्रृंगार घट, गरभ कांस भंडागा५७॥ "किंचित तुच्छ मनाक तनु, ८६दीरचलंब विसाल ॥६७॥ ६.हीग मानिक नीलमणि, पहपराग गोमेद । संनिधि पास समीप अभि, निकट निरंतर लग्ग । - 'अंतर दूरि निरापरस, सरनि पंथ पथ मग्ग ।।६८।। तथा वडवानलके नाम ५० वायुनाम ५१ यमराजनाम । * इस नामका नाटक समयसारमें निम्न पद्य पाया १०पन्नगलोक पतालपुर, अधोभवन वलिधाम । जाता:-- ९'सुधिर कुहिर रंधर विवर, ९२ अवट कूप विलनाम।।६९ जम कृनात अंतक त्रिदम, श्रावर्ती मृतथान । प्रानहरन श्रादिततनय, काल नाम परवान || ३६ ॥ ७० शखनाम ७१ कप नाम पर माकनाम ७२ बहुत ५२ भयानकनाम ५३ दिवसनाम ५४ रात्रिनाभ ५५ नाम ७४ चौदहरतननाम ७५ व्यापारी तथा जहाजके नाम समुद्रनाम ५६ जलनाम ५७ तरंगनाम ५८ तटनाम ७६ आकाशगंगानाम ७७ भूमिगंगानाम ७८ सामान्यनदीकमलनाम ६. मोलकमल नाम ६. मृणाल (कमलनाल) नाम ७६ यमुनानदीनाम ८० पृथ्वीनाम ८१ लोकनाम नाम ६२ कुमुदनाम ६३ सरोवरनाम ६४ मत्स्यनाम ८२ देशनाम ८३ धूलिनाम ८४ कीचड़नाम ८५ तुच्छ६५ पवित्रनाम ६६ प्राधारनाम ६७ घटनाम ६८ भंडारनाम नाम ८६ दीर्घनाम ८७ समीप (निकट) नाम ८८ दूरनाम ६६ नवरत्ननाम ८६ मार्गनाम ६. पातालनाम ६१ विलनाम ६२ कूपनाम
SR No.538004
Book TitleAnekant 1942 Book 04 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1942
Total Pages680
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size73 MB
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