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________________ विषय-सूची मादक १-एक अनूठी जिनस्तुति-[सम्पादक २-मनकी भूख (कविता)--श्री भगवत्' जैन ३--जीवनकी पहेली--[बा. जयभगवान जैन, बी०ए. वकील ४-बेजोड विवाह-श्री ललिताकुमारी पाटणी ५--हरिभद्र-सूरि-[पं० रतनलाल संघवी, न्यायतीर्थ ६--भाग्य-गीत (कविता)-[श्री 'भगवत्' जैन । ७-भ्रातृत्व (कहानी)--श्री 'भगवत्' जैन ८-श्रात्म-दर्शन (कविता)--[पं० काशीराम शर्मा 'प्रफुल्लित' ६--तामिल भाषाका जनसाहित्य--[प्रो० ए० चक्रवर्ती, एम.ए. १०--अहार लड़वारी-[श्री यशपाल जैन, बी० ए० ... "--गोमट--[पो० ए. एन. उपाध्याय, एम. ए. डी. लिट १२--'मेरी भावना' का संस्कृतपद्यानुवाद --श्री पं० धरणीधर शास्त्री १३-मम्वन वालेका विज्ञापन (एक मनोरञ्जक वार्तालाप) १४-अनेकान्त पर लोकमत १५--सूचना, वीरसेवामन्दिरको सहायता आवश्यकता कविगजमल्लके जिस पिंगल (छन्दोविद्या) प्रन्थका परिचय अनेकान्तकी गत किरणमें दि गया है, उसकी कुछ दूसरी प्रतियोंकी अतीव आवश्यकता है, क्योंकि जैनसमाजकं प्राकृत-संस्कृत श्रा भाषाओं के एक प्रसिद्ध विद्वान्ने इस ग्रंथका शीघ्र सम्पादन कर देनेकी अपनी वास इच्छा व्यक्त की और इस पूरे ग्रन्थको अनेकान्तमें निकाल देनेका विचार है । अपने पास जो प्रति उपलब्ध, है वह बा कुछ अशुद्ध है। दृमरी प्रतियोंसे तुलना करके शुद्ध पाठके स्थिर करनेकी बड़ी जरूरत है। अतः विद्वा तथा शास्त्रमण्डागेंके अधिपतियोंसे निवेदन है कि वे अपने यहांक ग्रंथभण्डारों में इस ग्रंथकी दूस प्रतियां खाज करके उन्हें शीघ्र ही नीचे लिखे पतेपर भेजनेकी कृपा करें और इस तरह इस सत्कार अपना सहयोग प्रदान करके मुझे अनुगृहीत करें । कार्य हाजाने पर वे प्रतियां उन्हें सधन्यवाद शीघ्र वापिस भेज दी जायंगी। जुगलकिशोर मुख्तार अधिष्ठाता 'वीरसंवामन्दिर' सरसावा, जि. सहारनपुर
SR No.538004
Book TitleAnekant 1942 Book 04 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1942
Total Pages680
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size73 MB
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