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________________ वर्ष 1, किरण २] शिक्षित महिनामों में अपम्पय चश्मेसे आंखोंका सर्वनाश करके भी उसका शौक पूरा पालेका अफगान स्नो इस्तेमाल करते करते मैं तो पक किया जाता है। कुछ लिखनेकी भावन हो और मौके चुकी इस बार रातके लिए पाम्सको कीम और बेमौके छ लिखनेका काम पड़ जाता हो सोबात नहीं पर दिममें लगानेके लिए पान्ड्स वेनिशिंग झीम जागा।' पारकर पेन बेबमें जरूर सुशोभित होना चाहिए। मेंहदीका इस बेडके रवैये में कमी होना तो दूर रहा कि हमारे स्थान क्यूटेक्सने लिया । नाकमें नथकी जगह पर बाजारू घरोंकी नडोंको खोखला करनेके लिए इसकी चक्रवृद्धि कांटोंने काजा किना । रोज काममें पाने वाली जुल्फे ज्याजको तरह दिन दूनी और चौगुनी बदवारी हो रही बंगाल बहार, हेयर माइल, भूतनाथ तेल, कामिनिया है। समाजका भला चाहने वाले नेतामोंने हमारे बहार तेल, ले लन्दनका बना कोकोनट हेयर प्राइन, सामाजिक फिजून खचों पर गला फाड़ फाड़कर ताला जुल्फे बहार, लक्मसोप, पियर्स सोप, गोडरेज, हम्माम, बगानेकी कोशिश की तो इधर हमारी शिक्षित देवियोंने सनलाइट सोप, हेयर क्रीम, हिमानी स्नो, हवाइर स्नो, अपने मेक अप करनेके खर्च को बेशुम्मार बढ़ा दिया को पोण्ड्स काम, कोल्ड क्रीम, वेसलीन,तरह तरह के सेक्ट, उससे भी खतरनाक और बेकाबका हो रहा है। यदि बवरडर, गुलामी पाउडर, ट्य पाउडर, ऐसी सैंकड़ों ही हिसाब लगाकर देखा जाय तो भाजकी पढ़ी लिखी कमसे कम उपयोगी और अधिक अधिक खर्चीली साधारणसे साधारण हैसियय वाखी बहनका सिर्फ चीजोंका स्टेशनके मालगोदाममे भाने वाली गाड़ीमें बालों और मुँहके मेकअप करनेके खचों में कमसे कम जुते हुए बैनोंकी तरह भार ढोते ढोते घरके आदमियोंकी १०) ११) रु. माहवार तो तेन, साबुन, क्रीम प्रादि पीठ पर बल पड़ गये, पैरों फफोले हो गये और पाकिट चीजों में ही पड़ जाता है। पैसोंसे विद्वेष करने लगा, पर हमारी गृह देवियों के द्वारा इसके अतिरिक्त कपड़े खत्तोंका खर्च देखिए ! मौके-बेमौके, असमय, दिन और रात जब कभी मेंट साड़ियाँ ? उफ ? एक से एक बड़कर नित नयी पहनने हुई, पुरुषोंके माय बरते जाने नाते - "देखिये न को चाहिएँ । माज एक सादी खरीदी गई और कल जो पाउडरका डिब्बा माज दो रोज़पे खाली पड़ा है ? और यदि उसकंडिजायनका फैशन बदल गया तो उसमें इस बार कोटेका एयर स्पन पाउडर जाइएगा, बड़ी रुपये जो खर्च हुए वे सब बेकार गये। हैसियतके तारीफ सुनी है उसकी ।' 'अरे मुब ! जा वो तेरे अनुसार एक एक साड़ीमें १०) १५)२५) ३०) १०) बापूजी बाजार जा रहे हैं, उनसे कह, पाते समय आज १.०) और इससे भी अधिक रुपया खर्च होता है। विलायती दूध पाउडर और क्रोम, स्नो, विवेलिन भाजकल जारजटकी साड़ियोंका ऐसा सिलसिला बंधा हेयर बाइल और कोई अच्छा सा विनायता सोप है कि हर एकके घरमें इस पांच साड़ियां खरीदी हो जल लेते पावें । पहले ही देशी तेल-साबुन लाकर जाती हैं। इन साड़ियों में पैमा तो अधिक खर्च होता रख दिया किसी कामका नहीं।' 'अजी सुना है बालोंके ही है साथ ही इन्हें पहन कर बहनें अपने खास लिए विठेक्स औप नाखूनों के लिए क्यूटेक्स बड़ा भन्छा प्राभूषण लज्जासे भी बेखबर हो जाती हैं। सलके, रहता है फिर वह जापानी हेयर क्रीम औ स्यूलनका पेटीकोट, जम्पर भादिमें रोज नयी नयी कांट छाँट चलती ज्विल्टन क्यों काममें लिया जाय।' 'देखिएजी पाटन रहती हैं जिनमें कीमती कपड़ा और सजावटका सामान
SR No.538003
Book TitleAnekant 1940 Book 03 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1940
Total Pages826
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size80 MB
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