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________________ SECRETERNET kister Na.trisis श्री जैन प्राचीन साहित्योदार ग्रन्थावलीके जैन मन्त्र-तन्त्र और चित्रकलाके अभूतपूर्व प्रकाशन भगवन् मलिषेणाचार्य विरचित १. श्री भैरव पनावती कल्प पाद तिरंगे और पचास एक रंगे चित्र और बन्धुषेण विरचित टोका, भाषा.समेत साथमें है। इकतीस परिशिष्टोंमें श्री मल्लिषेण सूरि विरचित सरस्वतीकल्प, श्री इन्द्रनंदी विरचित पद्मावती पूजन, मक पावती कल्प, पद्मावती सहस्रनाम, पद्मावत्यष्टक, पद्मावती जयमाला, पद्मावती स्तोत्र, पद्मावती पडक, पद्मावती पटल वगैरह मंत्रमय कृतियां और गुजरात कालेजके संस्कृत प्राकृत भाषाके अध्यापक प्रो० अभ्यंकर द्वारा सम्पादिव होने पर भी मूल्य सिर्फ १५) रुपये रखा गया है। २. श्री महापाभाविक नव स्मरण पंचपरमेष्ठि मंत्रके चार यंत्र, श्रीभद्रबाहु स्वामी विरचित उपसर्गहर स्तोत्र, उनके अनेक मंत्र, कथा और सत्ताईस यंत्र समेत, श्रीमानतुंगाचार्य विरचित भयहर स्तोत्र उनके अनेक मंत्र संत्र और २१ यंत्र समेत, श्रीभक्तामरजी स्तोत्र, मंत्राम्नाय, कथाएँ, तंत्र, मंत्र और हरेक काव्य पर दो दो यंत्र कुल ९६ यंत्र समेत और भगवन सिद्धसेनदिवाकर विरचित श्रीकल्याणमंदिरजी स्तोत्र, उनके मंत्रा. माय और.४३ यंत्र, चित्र वगैरह मिलाके कुल ४१२ चारसौ बारह यंत्र चित्र दिया हुआ है,एक निका पाच रतल बजन होने पर भी मूल्य २५) रु० रखा गया है। ३. श्री मंत्राधिराज चितामग्गि श्रीचिन्ताणिकल्प, श्रीमंत्राधिराज का वगैरह श्री पार्श्वनाथ जी भगवानकं अनेक मंत्रमय स्तोत्र और ६५ यंत्र समेत मूल्य णा) . ४. श्री जैन चित्रकल्पद्वम् गुजरातकी जैनाश्रिन चित्रकलाके ग्यारहवीं सदी से लगाकर उन्नीमवीं मदी तक लाक्षणिक ॐ नमूनाओं का प्रतिनिधो संग्रह, जिसमें ३२० पूर्ण रंगी और एक रंगी चित्र हैं, माथों जैनाश्रिा चित्रकलाके विषयमें अमेरिका के प्रोत्राउनने, बड़ोदरा राज्यके पुरातत्वखातेका मुख्याधिकारी डा० होगनन्दु शास्त्रोनीने, गुजरातके सुप्रसिद्ध चित्रकार रविशंकर रावलने, रसिकलाल परीस्त्र, श्रीयुत माराभाई नवाब, प्रो० डॉलरराय मांकड़, प्रो. भंजुलाल मजमुदार और लेखनकलाके विपया विद्वर्य मुनिश्री पुण्यषिजयोके विद्वतापूर्ण लेख मी दिया है । यह ग्रन्थस्वर्गस्थ बड़ौदरा नरेश मयाजीराव गायकवाड़को. उनके हीरक महोत्सव पर समर्पित किया गया था मूल्य सिर्फ २५) क० ५. जगत्सुन्दरी प्रयोगमाला मुनि जसवइ पिरचित मूल्य ५) ..६. श्री घंटाकरण-माणिभद्र-मंत्र-तंत्र कल्पादि संग्रह मूल्य ५) ७. श्रीजैन कल्पलता चित्र ६५ मूल्य ८) ८. भारतीय जैन श्रमण संस्कृति और लेखन कला मूल्य ८). दूसरे प्रकाशनों के लिये सूचीपत्र मंगबाइये। प्राप्तिस्थान:-साराभाई मणिलाल नवाब, नागजीभूदरनी पोल, अहमदाबाद जीर मेस साफ हपिडया, कनाट सर्कस म्यू देखीमें कपा।
SR No.538003
Book TitleAnekant 1940 Book 03 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1940
Total Pages826
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size80 MB
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