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________________ टाइटिल पर ४८१ ४७६ ४९४ ४९८ विषय-सूची १. फूलसे (कविता) [ श्री घासीराम जैन 'चन्द्र' २. पात्रकेसरि-स्मरण ३. धर्मका मूल दुःखमें छुपा है [श्री जयभगवान वकील ४. तामिल भाषाका जैन-साहित्य [प्रो. ए. चक्रवर्ती ५. जैनागमोंमें समय-गणना [श्री अगरचन्द नाहटा .६. यति-समाज [श्री अगरचन्द नाहटा ७. बावली घास [श्री हरिशंकर शर्मा ८. अर्थप्रकाशिका और पं० सदासुखजी [ पं० परमानन्दजी । ९. नियोंकी दृष्टि में बिहार [श्री पं० के. भुजबली शास्त्री १०. परिग्रहपरिमाणत्रसके दास दासी गुलाम थे श्री नाथूराम प्रेमी १५. अमर मानव [श्री सन्तराम बी.ए. १२. भूल स्वीकार [श्री सन्तराम बी. ए. १३. गोम्मटसार-कर्मकाण्डकी त्रुटि-पूर्ति [पं० परमानन्द १४. धर्म बहुत दुर्लभ है [श्री जयभगवान वकील '५१० ५१४ ५२१ ५२९ ५३३ ५३७ विनीत प्रार्थना पिछले माह प्रेसकी अव्यवस्था और प्रबन्ध आदिमें परिवर्तनके कारण 'अनेकान्त' प्रकाशित नहीं हो सका। हमारे लिये यह प्रथम अवसर है कि जब अनेकान्त अपने कपालु पाठकोंके पास निश्चित समय पर नहीं पहुँचा। अन्यथा हर माहकी अंग्रेजी २८ ता०को डिस्पैच हो जाता है। यह संयुक्त किरण लगभग प्रस्तुत पृष्ठों से दूनी होनी चाहिये थी किन्तु यथा समय मैटर ने मिलनेके कारण इतने ही पृष्ठोंकी यह संयुक्त किरण प्रकाशित की जा रही है। इन पृष्ठोंकी पूर्ति भागामी तीन किरणोंमें अवश्य कर दी जायगी ऐमी विनीत प्रार्थना है। -व्यवस्थापक
SR No.538003
Book TitleAnekant 1940 Book 03 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1940
Total Pages826
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size80 MB
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