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[मार्गशीर्ष, बीर Nि
२४ स्व. नगेन्द्रनाथ वसु
(पवा–विश्वकोषलेन, कलकत्ता ।) आपके सम्पादित विश्वकोषमें जैनधर्मके सम्बंधमें बहुतसे लेख प्रकाशित हुए है। एवं एक स्वतंत्र लेख मी आपके द्वारा लिखित अवलोकनमें पाया है। १ जैन पुरष काहिनी- साहित्य परिषद्
पविका भा ७ पृ०७० २५ विभूति भूषणदत्तः-बाप गणित शास्त्रके
विशेषज्ञ आपके लेख ये है१जैन साहित्योनाम संख्या-प्र. बंगीय साहित्य परिषद् पत्रिका मा० ३७ पृ. २८ से ३६
Mathematics of Nemichandra प्र-जैन सि० भा० भा० २ कि. २ A lost Jaina Treatise on Arith
matic-प्र. जैन सि. भा०२, कि०३ २६सयार रंजनदास M.A., PH. D.
The Jaina calendar मापने लिरवा है
००सि० मा० भा०४ कि.२ २७ प्रमोदलाल पाल-पापका लेख है
Jainism in Bengal-अहमिडयन कलचर
(Vol III) पृ. ५२४ २८ वरवन साथी
(पता:--. १ मार्कस महापर कलकत्ता) १ नीतिवाक्यामृत-दि. सोमदेव सूरि रचित बखत नीति पम्प मापने संत एवं अंगमामें बीका मिली है, जो कि प्रमाणित है।
२ जैनतत्ववारसा-माससे प्रकाशित २९ मतिसम-का-पवर्तक संर, बननगर) १ महावीर--मापक युगक प्रथम... से
१५ में सदिय भागार मालीका परिचय
छपा है पर इसमें १ पावनायके सिम श्वेताम्बर और महावीरके शिष्य दिगम्बर हुए तथा २ सिद्धार्थ यक्षके अनुग्रहसे बीरकी बुद्धि उत्कर्ष
को प्राप्त हुई आदि कई प्रान्त बातें लिखी हैं। ३० रमेश्चन्द्र मजुमदार, वाइस चान्सलर दाका
यूनिवर्सिटीश्रापका लेख है 'बौद्ध श्री जैनसाहित्ये कम्मश्चरित्र'
प्र० "पंच पुष्प" पत्रिका भाद्र १३८ ३१ कानीपद मित्र,प्रिन्सिपल डी०जी०कालेज मुंगेर
श्राप जैन साहिल्यसे बहुत प्रेम रखते हैं, अपने अध्ययनके सुफलसे समय समय पर जैन-सम्बन्धी लेख भी लिखा करते हैं। आपके प्रकाशित लेखोंकी नामावली इस प्रकार है:१ Teachers and disciples --प्र० मोडर्न रिव्यू १६३७ नवम्बर RMagic and Miracle in Jaina
literature प्र० इण्डियन हिस्टोरिकल स्वारटरली The Previous Births of Se
प्र. भास्कर भा०४ पृ. ४५ * Knowledge and Conduct in jain Scripture-०जैन सिदान्तभास्कर भा. ४, कि. ३ Note on Devanuppiya-प्र. जैन
सिद्धान्तभाकर भा०५कि.३ ३२ यदुनाथसिंह, प्र. मीरपट कालेज, पंजाब
आपके निबन्ध ये1. Indian Psychology Perception
(By Jadwaath-Singb) Published by Kegan Panlo Trenich, Trub