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गीय पिहावांकी न साहित्य में प्रगति
मालोचन किया था। उसका हिन्दी अनुवाद कई १८ शिवचंद्र शीलवर्ष पूर्व “जैनहितेषी" पत्रमें लगातार कई अंकोंमें आपके निवन्धका नामादिक इस प्रकार हैप्रकाशित हुआ था। इण्डियन रिसर्च सोसायटी १ दीपावली भो भातृद्वितीया पर्व-प्र. साहित्य धारा सन् १९०६ में आपके द्वारा सम्पादित एवं परिषद पत्रिका भा० १४ पृ. ५१ अंग्रेजी में अनुवादित 'न्यायावतार' मूल वत्ति सह १८ रामदास सेन M. R.A.S.प्रकाशित हुआ था। इसके अतिरिक्त महो• यशो- आपके दो निबंध हैविजयजी गणीके सम्बंधमें आपका एक लेख भी १ जैनधर्म-प्र. "ऐतिहासिक रहस्य" पत्रिका प्रकाशित हुआ था। जैन-सम्बंधी श्रापके लिखित २ जैनमत-समालोचना-, मा० ३५० २१७
लेखोके नाम व प्रकाशनका पता इस प्रकार है:- २० सम्पादक "उद्बोधन"-आपके द्वारा लिखित 1. Maharaja Manika Lekha
निबंधका नाम 'जैनसम्प्रदाय है-जो "उद्योधन" 2. Yasovijaya gani (About 1608 1688 भा० १४ पृ. ७६२ मा० १५ पृ० १०५ पर
A. D.) प्र० एसोटिक सोसायटी बंगाल जनरल मुद्रित हुआ है। N.3 VI
२१ उपेन्द्रनाथ दस-आपके द्वारा लिखित तथा अनु 3. The Sarak Caste of India identi
वादित निबंधोकी सूची इस प्रकार हैfied with the Serike of Central
१ जैनधर्म Asia-proceedings, A. S. B. 1903. २ जैनधर्म (मू. लोकमान्य तिलक) अनुवाद 4. Pariksa mukha Sutra--Bib Ind. ३ जैनतत्वशनो चारित्र -अनुवाद 5. Tattvarthadhigama Sutra-- Bib.Ind. ४ जैनसिद्धांत दिग्दर्शन -अनुवाद 6. History of Indian Logic ग्रंथमें Jain ५ जेनसामयिक पाठ स्तोत्र-भावानुवादित Logic Page 157-224
६ जिनेन्द्र मत-दर्पण -अनुवादित 7. न्यायवतार, मूल-वृत्ति इंगलिश अनुवा० सहित- सार्वधर्म -अनुवादित
प्र.इण्डियन रिसर्च सोसायटी सन् १९०६ ये सभी ट्रैक्ट बंगीय सर्वधर्म परिषद काशीसे प्रका१७ स्व० कष्णचन्द्र घोष "वेदान्तचिन्तामणि" शित हुए हैं। विशेष जानने के लिये देखें मेरा "बंगला १ या पूर्णचंद्रजी नाहर लिखित An Epitom माषामें जैन साहित्य" शीर्षक लेख, जोकि मोतवाल
of jainism के सहयोगी प्रणेता। नवयुवक वर्ष ८अंक १. में प्रकाशित हो चुका है। १७ स्व० हरिहर शास्त्री-
२२ बसिवमोहन मसोपान्याव-आपने 'जैन पतिआपके लिखित दो लेसोका पता चला है
हास समिति का अनुवाद किया है। १जैनपुराणे वर्शित काचरित्र-
२३ हरिपरनमित्र-पापद्वारा अनुवादित "मायक १ --गीय साहित्य परिषदके १४ बिगेर भाचार नामक ट्रैक्ट प्राचीन भावोवारिणी प्राषिपेतनमें पठित
समाने प्रकाशित भाषा।