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________________ वर्ष २ किरण १] जैन-समाज क्यों मिट रहा है ? धन्यकुमार 'वैश्य ' को दी थी। (पुण्याश्रव कन्या तिलकवतोसे विवाह किया और उससे कथाकोष) उत्पन्न पुत्र चिलाती राज्याधिकारी हुआ । ३-राजा जयसेन (क्षत्रिय) ने अपनी पुत्री (श्रेणिकचरित्र) पृथ्वीसुन्दरी प्रीतिकर (वैश्य) को दी थी । इनके १३-जयकुमारका सुलोचनासे विवाह हुआ ३६ वैश्य पत्नियाँ थीं और एक पत्नी राजकुमारी था। मगर इन दोनोंकी एक जाति नहीं थी। वसुन्धरा भी क्षत्रिया थी। फिर भी वे मोक्ष गये। १४-शालिभद्र सेठन विदेशमें जाकर अनेक (उत्तरपुराण पर्व ७६ श्लोक ३४६-४७) विदेशीय एवं विजातीय कन्याओंसे विवाह ५-कुवेरप्रिय सेठ (वैश्य) ने अपनी पुत्री किया था। क्षत्रियकुमारको दी थी। १५-अग्निभूत स्वयं ब्राह्मण था. उसकी एक ५.-क्षत्रिय राजा लोकपालकी रानी वैश्य थी। नी ब्राह्मणी थी और एक वैश्य थी। ६---भविष्यदत्त (वैश्य) ने अरिंजय (क्षत्रिय) (उत्तरपुराण पर्व ७५ श्लांक ७१-७२) गजाकी पुत्री भविष्यानुरूपासे विवाह किया था तथा हस्तिनापुरके राजा भूपालकी कन्या स्वम्पा १६-अग्निभूतकी वैश्य पत्नीसे चित्रसना (क्षत्रिय) को भी विवाहा था । (पुण्याश्रव कथा) कन्या हुई और वह देवशर्मा ब्राह्मणको विवाही ७-भगवान नेमिनाथके काका वसुदेव (क्षत्रिय) गई । (उत्तरपुराण पर्व ७५ श्लोक ७३) न म्लेच्छ कन्या जगस विवाह किया था । उसमें १७-तद्भव मातगामी महाराजा भरतनं ३२ जरत्कुमार उत्पन्न होकर मोक्ष गया था। (हरिवंश- हजार म्लेच्छ कन्याओम विवाह किया था। पुराण) १८ श्रीकृष्णचन्द्रजीने अपने भाई गज८ -चारुदत्त (वैश्य) की पुत्री गंधर्वमना वमुदेव कुमारका विवाह क्षत्रिय-कन्याओंके अतिरिन. (क्षत्रिय) को विवाही थी। (हरि०) मोमशर्मा ब्राह्मणकी पुत्री मोमास भी किया था। है-उपाध्याय (ब्राह्मण) सुग्रीव और यशोग्रीव (हरिवंशपुराण ७० जिनदाम ३४.०६ तथा हरिवंश ने भी अपनी दो कन्यायें वसुदेव कुमार (नत्रिय) पुगण जिनसेनाचार्य कृत) को विवाही थीं। (हरि०) १६-मदनवेगा गौरिक' जातिकी थी । ___ १०-ब्राह्मण कुलमें क्षत्रिय मातास उत्पन्न हुई वसुदेवजीकी जाति गौरिक' नहीं थी। फिर भी इन कन्या सोमश्रीको वसुदेवने विवाहा था । (हरिवंश- दोनोंका विवाह हुआ था। यह अन्तर्जानीय पुराण सर्ग २३ श्लोक ४६-५१) विवाहका अच्छा उदाहरण है । (हरिवंशपुगग्ण ११-सेठ कामदत्त 'वैश्य' ने अपनी पुत्री बंधु- जिनसनाचार्य कृत) मनीका विवाह वमुदेव क्षत्रियस किया था। (हरि०) २०-सिंहक नामक वैश्यका विवाह एक १२-महाराजा उपश्रेणिक (क्षत्रिय) ने भील. कौशिक बंशीय क्षत्रिय कन्याम हुआ था।
SR No.538002
Book TitleAnekant 1938 Book 02 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1938
Total Pages759
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size105 MB
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