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* विषय-सूची *
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१. समन्नभद्र-माहात्म्य २. जैन और बौद्धधर्म एक नहीं [ श्री जगदीशचन्द्र जैन एम. ए. ... .... ३. गनिहामिक अध्ययन [ बाब माईदयाल जैन बी. ए. बी. टी. ४. मनुष्यम, उनना नीचता क्यों [पं वंशीधरजी व्याकरणाचाय ... जगत्मन्दरी-प्रयोगमाला सम्पादकीय नोट महिन। पंदीपचन्द्र पांड्या जैन ६. स्त्री-शिक्षा पद्धनि [ श्री. भवानीदन शर्मा 'प्रशान्न' ७. श्री बी. एल. मग गडवोकेटकी श्रद्धाञ्जलि ८. वीर भगवानका वैज्ञानिक धर्म [ बाल मृरजभान वकील ५. मैं तो बिक चका ( कहानी )--- [ श्रीमती जयवन्तीदवी जैन १०. तृष्णाकी विचित्रता [ श्रीमद गजचन्द्र ११. युगान्तर हमाग लक्ष्य (कविना) [ 'श्री भगवन जैन
वीर-सेवा-मन्दिरको सहायता हालमें वीरसेवामन्दिर मग्मावाको निम्न मजनोंकी औरस -) की महायता प्राप्त हुई है, जिसके लिय दातार महाशय धन्यवाद के पात्र हैं:
४) श्रीमती जयवन्तीदेवी धर्मपत्नी ला• कैलाशचन्दजी जन गईम वड़िया जि. अम्बाला। ना-) ला० नानकचन्द त्रिलोकचन्दजी जैन मग्मावा (पुत्रीक विवाहको ग्यशीमें ) ४) पं० हीगलालजी जैन न्यायतीर्थ, अध्यापक हीगलाल जैन हाईस्कृल, पहाड़ी धीरज, दहली ।
(आपने १६ दिन नक वीरसवामन्दिर में ठहर कर लाभ लिया )
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( भादो माममें सव माजनांकी इम मंस्थाका ध्यान रखना चाहिये ।
___ अधिष्ठाता वीर-संवा-मन्दिर
__ मरमावा जि.) महारनपुर
प्रकाशकीय१ अगस्तम निरन्तर प्रवास में रहने के कारण ‘अनेकान्त' का वा किरणकी दंग्यमान नहीं रख सका है और १२वी किरणको भी देखभाल नहीं कर सकंगा । कृपाल पाटकोंक समक्ष इस लाचार्गके लिए क्षमा प्रार्थी हू।
विनीत-अ. प्र. गोयलीय