SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 656
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ * विषय-सूची * ५९५ १. समन्नभद्र-माहात्म्य २. जैन और बौद्धधर्म एक नहीं [ श्री जगदीशचन्द्र जैन एम. ए. ... .... ३. गनिहामिक अध्ययन [ बाब माईदयाल जैन बी. ए. बी. टी. ४. मनुष्यम, उनना नीचता क्यों [पं वंशीधरजी व्याकरणाचाय ... जगत्मन्दरी-प्रयोगमाला सम्पादकीय नोट महिन। पंदीपचन्द्र पांड्या जैन ६. स्त्री-शिक्षा पद्धनि [ श्री. भवानीदन शर्मा 'प्रशान्न' ७. श्री बी. एल. मग गडवोकेटकी श्रद्धाञ्जलि ८. वीर भगवानका वैज्ञानिक धर्म [ बाल मृरजभान वकील ५. मैं तो बिक चका ( कहानी )--- [ श्रीमती जयवन्तीदवी जैन १०. तृष्णाकी विचित्रता [ श्रीमद गजचन्द्र ११. युगान्तर हमाग लक्ष्य (कविना) [ 'श्री भगवन जैन वीर-सेवा-मन्दिरको सहायता हालमें वीरसेवामन्दिर मग्मावाको निम्न मजनोंकी औरस -) की महायता प्राप्त हुई है, जिसके लिय दातार महाशय धन्यवाद के पात्र हैं: ४) श्रीमती जयवन्तीदेवी धर्मपत्नी ला• कैलाशचन्दजी जन गईम वड़िया जि. अम्बाला। ना-) ला० नानकचन्द त्रिलोकचन्दजी जैन मग्मावा (पुत्रीक विवाहको ग्यशीमें ) ४) पं० हीगलालजी जैन न्यायतीर्थ, अध्यापक हीगलाल जैन हाईस्कृल, पहाड़ी धीरज, दहली । (आपने १६ दिन नक वीरसवामन्दिर में ठहर कर लाभ लिया ) auru" १०/-) ( भादो माममें सव माजनांकी इम मंस्थाका ध्यान रखना चाहिये । ___ अधिष्ठाता वीर-संवा-मन्दिर __ मरमावा जि.) महारनपुर प्रकाशकीय१ अगस्तम निरन्तर प्रवास में रहने के कारण ‘अनेकान्त' का वा किरणकी दंग्यमान नहीं रख सका है और १२वी किरणको भी देखभाल नहीं कर सकंगा । कृपाल पाटकोंक समक्ष इस लाचार्गके लिए क्षमा प्रार्थी हू। विनीत-अ. प्र. गोयलीय
SR No.538002
Book TitleAnekant 1938 Book 02 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1938
Total Pages759
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size105 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy