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________________ वष २,कण वीर-शासन जयन्ती ४७७ किसी कारणवश वीर-सेवा-मंदिरमें न मासकें उन्हें मिलकर अपने स्थानोंपर उक्त शासन-जयन्ती. के मनानेका पूर्ण आयोजन करना चाहिये ।। ___साथ ही, विद्वानोंसे अनुरोध है कि वे इस शुभ अवसर पर वीरशासन-सम्बन्धी अपने अध्ययन और मननके फलस्वरूप वीरशासन पर कुछ ठोस एवं महत्वके विचार प्रकट करनेकी कृपा करें, जिनसे सर्व साधारणको वीरशासनके समझने में श्रासानी होवे और सहदय मानव उसके महत्व एवं उपयोगिताका अनुभव करते हुए स्वयं उस पर चलें तथा दूसरोंको चलनेमें प्रवृत्त कर लोकमें सुख-शान्तिकी सृष्टि और अभिवृद्धि करनेमें समथ होसकें । मैं चाहता हूँ निम्नलिखित शीर्षकों तथा इनसे मिलते जुलते दूसरे उपयोगी शीर्षकों पर ऐसे महत्वपूर्ण लेख लिखे जावें जो यथाशक्य संक्षिप्त होते हुए विषयको खूब स्पर्श करने वाले होवें और वे वीर-शासनजयन्तीसे पहले ही चीरसेवामंदिरको नीचे लिखे पते पर भेज दिये जावें । बीर-सेवामंदिर शासन-जयन्तीके दिन उनका उपयोग करनेके अतिरिक्त उन्हें पुस्तकादिके रूपमें शीघ्र प्रकाशित और प्रचारित करनेका प्रयत्न करेगा। मेरा विचार वीरशासनाकनामसे अनेकान्तका एक विशेषाङ्क भी निकालनेका हो रहा है, उसमें उनका अच्छा उपयोग हो सकेगा। ऐसे विशेषाहोंकी सफलता विद्वानोंके सहयोग पर ही अवलम्बित है । आशा है मेरे इस निवेदन पर अवश्य ही ध्यान दिया जावेगा । सूचनार्थ लेखोंके कुछ शीर्षक निम्न प्रकार हैं १-वीर-शासनकी विशेषता २-वीर-शासनका महत्व ३-वीर-शासनके नापार-स्तम्भ ४-वीर-शासनकी वर्तमान उपयोगिता और श्राव. श्यकता ५-वीर-शासनकी रूप-रेखा ६-वीर-शासनकी तुलना अथवा वीर-शासनका तुलनात्मक अध्ययन ७-वीर-शासनकी खबियाँ ८-वीर-शासनका प्रभाव ह-वीर-शासन के उपासक १०--समन्तभद्रोदित वीर शासन ११-वीर-शासनको जन्म देने वाली परिस्थिति १२-वीर-समयकी माँग १३-वीर-तपश्चरणका फल १४-चीरका तीर्थप्रवर्तन १५-वीरशासनकी बातें, जैसे-- (क) अहिंसा और दया (ख) अनेकान्त और स्याद्वाद (ग) कर्म सिद्धान्त (५) स्वावलम्बन और स्वतंत्रता (ङ) आत्मा और परमात्मा (च) मुक्ति और उमका उपाय (छ) सपना और विकाश १६-वीरकी लोकसंवा ५७-वीरका संवामय जीवन ५८-धीरका तत्वज्ञान १६-चीरका विकामवाद २०-चीरफा साम्यवाद २१-वीरका अहिमाबाद २२-बीरका अनेकान्तवाद २३-बीरशासनकी उदारता २४-बीरका वीरत्व २५-धीरका मन्देश सरमाथा निवेदकजिला सहारनपुर : जुगलकिशोर मुख्तार २२-५-१९३९ ) अधिष्ठाता-'वीर-सेवा-मंदिर'
SR No.538002
Book TitleAnekant 1938 Book 02 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1938
Total Pages759
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size105 MB
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