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________________ Regd. No. L. 4328 वीर-सेवा-मन्दिरको सहायता हालम वीरमंत्रा-मन्दिर मम्मावाको निम्न माजनांकी श्रोग्म ३६ रु. की सहायता प्राम हुई है, जिमके लिय दानार महाशय धन्यवाद के पात्र हैं:१०) श्रीमती मुनहरीदेवी धर्मपत्नी म्ब० ला० श्यामिह वा० नानकचन्द जी जैन रिटायर्ड सब इजिनियर गयमी जेन रमि देशली-शाहदग (पनिकी मृत्यके मरमावा (सहारनपुर) नर हवेली के मुहुनकी खुशीम ममय निकाली हुई दानकी रकममेमे)। ५) ला० उग्रमेन शीतलप्रमादनी जैन सहारनपुर ५) ला. जोगीदाम एडवोकेट करनाल व मेमर्म चोग्वे (विवाहका वशीम) लाल गजेन्द्रकुमार जैन अम्बाला छावनी (दि. ५) ला• अनमिह जी सोनीपन और ला• बमाउलालजी पदमचन्द व शान्नीदेवीके विवाहकी खशीमें)। पानीपत (पुन-पुत्रीक विवाह की स्वशीम) -अधिष्टाना 'वीर संवा मदिर। धन्यवाद फाजिलका निवासी ला हरप्रसादजी जैनने दोम्पय भेजकर अपनी श्रोग्सं साहित्य मदन अबोहर (पजाब) iyक वर्ष के लिये "अनेकान्त" भिजवाना प्रारम्भ किया है और निम्नलिम्वित बधश्रोने अनेकान्नके ग्राहक बनानेकी कृपा की है। एनदर्य धन्यवाद । ग्राहक ग्राहक बा० मुम्बमालचदजी जेन, न्यू देहली २५ बा. जुगमन्दरटाम जैन बाकौशलप्रमादत्री जन १२ प. भवरलाल जैन मि.बबनद गुमा १० या छबीलदाम बमल मा०पशीलाल जैन १० प० होतीलालजी शाम्बा या. राजेन्द्रप्रसाद अन ६ श्री नदलालजी जैन प० गमलाल जेन पञ्चरल ४ बा. छोटेलाल जैन मि. धर्मदाम गमा ४ बा. दलीपचंद जैन
SR No.538002
Book TitleAnekant 1938 Book 02 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1938
Total Pages759
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size105 MB
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