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________________ Regd. No. L. 4328 अनुकरणीय जिन मालागेकी प्रोग्म १०१ मंस्थाको अनकान्न' भंटम्वरूप भिजवाया जा रहा है, उन दातारों और संस्थाओंकी मृची तीमरी और चौथी किरणम मधन्यवाद प्रकाशित हो चुकी है । इम माहमें ला वंशीधर मीगमल जैन देहलीने विवाहोपलक्षम और श्रीमती सुनहरीदेवी शाहदराने अपने पति म्बर्गीय लाला श्योमिहरायजीकी स्मृतिम अन्य मन्थाको भंजते हुए अनेकान्न' के लिये भी ६-६० वान स्वरूप भिजवानेकी कृपा की है। किन्नु हम अपन नियमानुसार अनेकान्तकं लिये दान नहीं लेते। अतः उन मपयोंसे ६ स्थानाम अनकान प्रथम किरण भिनयाना प्रारम्भ कर दिया है। उक्त दानारोंके अलावा बाट आनन्दकुमारजी न्यू दहनी और बाद महावीरप्रसादजी बी मरधनान एकनाक संस्था को भिजवाने के लिये 20 और वा० मुखपालचन्दजी जैन न्य देहलीने २॥) भिजवा है । अन' उ दातारोंकी भोग्म निम्न संस्थाओंको अनेकान्न प्रथम किरणमे मंट-म्वरूप एक वर्षकं लिये जारी कर दिया गया है। आशा है अन्य मजन भी अनुकरण करके अनेकान्तके प्रचारमे सहायक होंगे। --व्यवस्थापक श्रीमती सुनहरीदेवी धर्मपन्नी म्ब० लाला . वंशीधर मारीमलजी जैन, देहलीकी श्योमिहराय जैन रईस शाहदग ( देहली) आर मेंकी भोरस--- १०६ गवर्नमैण्ट कालेज. लायलपुर १७ भूपेन्द्र कालज, पटियाला स्टंट । १०२ मंत्री, मारवाड़ी लायोग, शाहग (देहली) १०८ दि जैन मन्दिर. शिकारपुर (बुलन्नशहर) १४६ एम. एल. डी. कालेज लिब्रिज अहमदाबाद १०४ बनारसीदाम कालेज लायनेरी, अम्बाला कंट। लाआनन्दकुमार जैन,न्य दहलीकी ओग्मे--- ॥ १०९ वीप्रमाद पब्लिक लायनंग. मजीमण्डीबा० महावीरप्रसाद जैन, बी.प. मगधना फिगंजपर कैण्ट । (मेरठ) की ओर से-- बामुखमालचन्दनी जैन,त्यदेहलीकी आग्मे--- १०५ सैण्ट चार्लस हाईस्कूल मरधना (मेरठ) १० जैन स्कूल बाजार हामानवाम, महारनपुर नेमचन्द जैन बांडीडरक प्रबन्धसे 'पोरस' माफ इन्डिया कनॉट सकम न्यू टेहलीम छपा।
SR No.538002
Book TitleAnekant 1938 Book 02 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1938
Total Pages759
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size105 MB
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