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वीर पुत्रो ! वीर-जयन्ति आ रही है।
कार-काणीका प्रचार करो
थोड़े खर्चे में भारी प्रभावना। दो पैसे ५० किताव का १) कर्तव्य कोमुदी १॥) ४ किताब का ६) १ जैन दर्शन जैनधर्म, : जैन धर्म क्या है ? पुण्य प्रभाव १) ५ किताब का ३) । ३ अहिंमा, ४ जैन दर्शन, ५ शील का १६ कड़ा। पैकिंग पोस्टेज़ जिम्मे खरीददार तीन पैसे ३० किताब का १)
कुन पुस्तकों का पूग मेट५) का है परन्तु १ जैन सिद्धांत, २ जैन धर्म का मिद्धांतिक जयन्ती तक ३॥) ० मनीआर्डर मे आने पर घर म्वरूप, ३ मुक्तिका स्वरूप, ४ ईन धमकी वृवियां बैठे पहुंचा देंगे। ५ मत्य ज्ञानकी कुजी. ६ भारतका भावी गटीय १७३५ पप्ठकी ३१ पस्तकं ३0) की २) में धर्म, जैन धर्म की विशेषता, ८ धर्म ग्न्न पाने योग्य कीन ?, ६ भगवान महावीर का उपदेश व
___ शांतिसुधा, जम्बुम्बामी चरित्र, प्रार्थना-संग्रह, मन्देश।
श्रात्म जागृनि भावना, धर्म का डंका, हितोपदेश,
विद्यार्थी युवक भावना, पप्प प्रभाव, मूल्यवान म.नी. डेढ़ आना १५ किताब का १)
जैन स्तुति संग्रह, स्यावाद की मार्थकता, धर्म रत्न १ म्याद्वाद की मार्थकता. २ श्राविका धम, पाने योग्य कौन ?, जैन धर्मका सिद्धांतिक स्वरूप, ३ व्यापार शिक्षा, ४ विद्यार्थी प्रार्थना, ५ भावना
जैन दर्शन, जैन सिद्धांत, अहिमा, मुक्ति का स्वरूप, मंग्रह, ६ विद्याथी युवक भावना, ७ शान मुवा शील का १६ कड़ा. भावना मंग्रह, श्राविया धम, (शांति प्रकाश ममकिन छप्पनी उपदेश रन्न कोप
जैनधर्मकी विशेषताएँ, अनि विद्वानों की मम्मका संग्रह)
तियां, जैनधर्म की वृवियां, भारतका भावी गट दो आना १२ किताव का १) धर्म, सत्य ज्ञान की कजी जैन धर्म की व्यापकता. १ धर्म का डंका, २ हितोपदेश रत्नावली । जैन दर्शन जैन धर्म, हम जैन कैसे हुये ?, व्यापार साढ़े तीन आने ६ किताव का १) शिक्षा, श्रामहित संग्रह, कल्याण मामिग्री, मफलता
जैन स्तुनि मंप्रह, विधवा मनी का चारित्र, के सिद्धांत । ३ मफलता के ३६५ मिद्धांत ।
___एक सेट का ग्यर्चा ॥), जि में खरीददार, पांच जम्बुस्वामी का चरित्र ।-) ४ किताब का ११) सेट एक माथ मंगवानं पर ग्र्चा माफ़।
पता-मोतीलाल रांका, जैन पुस्तक प्रकाशक आफिम ब्यावर (गजपताना)