SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 191
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ पृष्ट विषय-सूची १. समन्तभद्र-चंदन १७६ २. आर्य और म्लेच्छ [ सम्पादकीय १८१ ३. जाति-मद सम्यक्त्व का वाधक है [श्री सूरजभानु वकील १८७ ४. अधर्म क्या ? [ श्री जैनेन्द्रकुमारजी। १६३ ५. दीनांक भगवान [श्री. रवीन्द्रनाथ ठाकुर १६४ ६. क्या सिद्धान्तग्रन्थों के अनुमार मब ही मनुष्य उच्चगोत्री हैं ? [श्री० पं० कैलाशचन्द्रजी शास्त्री १६५ ७. कमनीय कामना (कविता) [उपाध्याय कविरत्न श्री अमरचन्द्रजी २१० ८. जैन समाज क्यों मिट रहा है ? [ अयोध्याप्रमाद गोयलीय ६. प्रभाचन्द्र के समयकी सामग्री [ श्री० पं० महेन्द्रकुमार शास्त्री २१५ १०. विपत्तिका वरदान [वा० महावीरप्रमाद जैन 18. ... ११. क्या कुन्दकुन्द ही मृलाचार्य के कर्ता है ? [ श्री पं० परमानन्द जैन २२१ १० अनकान्त पर लोकमत २११ 'वैद्य' का दन्त-रोगाङ्क। 'वैद्य' २२ वर्षम वैदा-जगतकी निरन्तर संवा करता रहा है। अब उमन अपने २० वर्षकी सानन्द ममाप्तिके उपलक्ष दिसम्बर मन १९३८ का अङ्क एक बृहद विशेषाङ्कके रूपमें निकालनेका आयोजन किया है। आज देशमें दन्तरोगोंकी भरमार है, देशवामी दन्तगंगांस परेशान हैं । यदि देशवामियोंको दन्तरोगों, उनके कारणों और उनकी चिकित्माका सर्वाङ्गपूर्गा प्रामागिणक परिचय कगर्नमें वैद्य' मफल हो सका तो उसका यह परम सौभाग्य होगा। दन्तगेगाङ्को देशक बड़-बड़ विद्वान वेंगा व डाक्टरोंके सारगर्भित और । उपयोगी निवन्ध रहेंगे। उक्त विशेषाङ्क अति आकर्षक ढंगमे बहुत बड़े आकारमें प्रकाशित होगा । आयुर्वेदीय मारके इतिहासमें नि:संदेह यह एक अनूठी चीज़ होगी। आज ही, अभी, फौरन ग्राहक बनिये. अन्यथा यह अमृल्य अङ्क न मिल सकेगा। लेग्यकों और कवियोंकी सवा ३० दिसम्बर तक अपनी रचनाएँ भेजनके | लिए मानुगंध निमन्त्रण है। विज्ञापन दाताओंको यह अनूठा अवसर न खाना चाहिए । विशपाङ्ग हजागे की तादादमें छपेगा और लाखों आँखांसे गुजरेगा। विशेषाङ्कके लिा विज्ञापनके रेटम पत्र लिखकर मालूम कीजिए। व्यवस्थापक... 'वैद्य' मुगदाबाद ।
SR No.538002
Book TitleAnekant 1938 Book 02 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1938
Total Pages759
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size105 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy