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________________ रोतिहासिक महापुरुष GESH LALA HTRA ...TE7-14 ni भगवान् महावीरका सेवामय जोवन और सर्वोपयोगी मिशन ले. म्वर्गीय श्री. बाड़ीलाल मोनीलाल शाह ] ETतभद, अज्ञान- भ. महावीर का निवांग हा २४६५ वर्षे ॥ या हिमायती, सामिलक क्रियाओं | बीत गये । उम वन मे बगवर ही हम दरमा मान्यवृद्धि (Common दीपावली पर उनका निधणात्मव मनाने आरहे और वहमोंको दशम हैं । इस अवसर पर हम केवल पूजा करके जय । Sense) को विक. निकाल बाहर करने जयकार बोलकर और ल. दुइ बढ़ाकर ही अपने मित करनेवाला.अन्तः कर्तव्य को इतिश्री ममझ लन है, और इस बात लिए जिम महावीर की ज़रूरत नहीं देखने कि भगवान के जीवन पर शक्ति को प्रकाशित नामक महान सुधारक " कल गहग विचार करें और उसमें कोई शिक्षा ना कनिकी चाबी देने और विचारकन नीम ॥ ग्रहण करे ! इमामे हमारे जावन में कार्य प्रगति नहीं हो रही है और हम जों के नहा नहीं पड़े वाला, प्राणिमात्रको वर्ष तक उपदेश दिया है बलिक यांत्रिकरित्रके आंधक अभ्यास द्वारा बन्धव की मांकलम अथवा जड़ मशीनों की ना काय करने पहने था वह उपदेश प्रत्येक जड़ और पनिानक दांत जारहे हैं। ज़मान: जोइनवाला, श्रान्मदेश,प्रत्येक समाज और पत्र अमरों पर खाम तौर से भ. महावीर के बल अथवा म्वात्म मेवामय जीवन और मापकांगी मिशन पर विनाम प्रत्येक व्यक्तिका उद्धार करने की तथा उसे अपने सावन में उतारने की। मंश्रयका पाट मिम्बला करने के लिए समथ मा करकही हम भ. महावीर के परने भन. कर गवनी और कमहै। परन्त धर्मगुरुओं कहला सकते हैं और अपना नया लोक का हिन माधन कर सकते हैं। हम संबन्धमे असा हा वादिनी दुनिया को या पगिडनाकी अन्ना श्रीयुत म्वर्गीय भाई यादालाल मानालारा गाद जवांमद तथा कर्मवीर नता और श्रावकोंकी ने एक महत्वका भाषण प्रार्थना ममाज बंबई के । वापिकान्मन पर दिया था और वर उम ममय बनानवाला. एक नहीं अन्धश्रद्धाके कारण जनकान्फ्रेन्म हरला तथा जनहितेषी में प्रकट किन्तु पनीम पियों आज व महावीर हा था। इस अवसर के लिये उसे बहन ही उप सं प्रत्येक वस्तु और युर समझ कर यहाँ उद्धृत किया जाता है।। और वह जैनधर्म अना- | आशा है पाठक जन इससे यथेष्ट लाभ उठायेंगे । । प्रत्येक घटना पर वि. हत हो रहा है । सायंस -सम्पादक ) | चार करनेकी विशाल
SR No.538002
Book TitleAnekant 1938 Book 02 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1938
Total Pages759
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size105 MB
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