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________________ अनेकान्त ... [वर्ष १, किरण १ EKगहरी लूट नवीन वर्षकी खुशीमें । पवित्र दशलक्षणी पर्व में इस कार्यालयके संचालकोंने १५ हजार के ग्रंथ ६ हजारमें लुटाये थे। अतएव इस नवीन वर्षकी खशीमें उन धर्मात्मा भाइयोंके आग्रहका ध्यान रखकर जो कुछ ७ थोड़ेसे ग्रंथ स्टाक रह गये हैं उन्हें आपका पत्र पाते ही भेज देंगे। जल्दी आर्डर देवें अन्यथा पछताना पड़ेगा। ऐसा सुभीता न कभी हुवा था और न भविष्यमें होगा।। १० हजारका घाटा हम उठा चुके हैं। फिर भी प्रचार के उद्देश्यसे तैयार ग्रंथोंको लुटा रहे हैं बहुत थोड़े ग्रन्थ बचे है जल्दी मंगवाइये । ३७) रुपयाके ६ ग्रंथ १३) रुपयामें १ सुदृष्टितरंगिनी (६५० पृष्ट ) २ पद्मपुराणजी बड़े ३ हरिवंशपुराणजी ( सचित्र) ४ जैन कथा कोप ५ जैनक्रिया कोप ६ बृहद जैनपद संग्रह, २८) रुपया ६ पुराण ६) रुपया में १ वृहद बिमलनाथ पुराण (४१६ पृष्ट ) २ शांतिनाथ पुगण ३ श्रीआदिपुराण(सचित्र) भाषा वचनिका ४ मल्लिनाथ पराण ५ चर्चासमाधान ६ तत्वार्थ राजवार्तिक (प्रथम खंड) ०) रुपयाके ६ बड़े२ शास्त्र १०) रुपयामें (शास्त्राकार बड़े २ अक्षर सरल भापा बचनिका ) ११ श्रीरत्नकरन्ड श्रावकाचारजी ५॥) मूल्य २ श्रोशातिनाथ पुराणजी ६) रु० मूल्य ३ श्री अर्थप्र प्रकाशिकाजी ६० मूल्य ४ श्रीसर्वार्थसिद्धिजीभाषा टीका ६) रुपया ५ श्री मोक्षमार्गप्रकाशक जी ५) रुपया ६ प समाधानजी (पं० भूधरदासजी कृत ) २) रुपया शीघही मगवाइये प्रापका पत्र पातही श्रीरत्नकरंडश्रावकाचार श्रीशांतिनाथपराणजी और चर्चासमाधानजी तीनों प्रन्ध १०) और पोष्टेज १) कुल १११) की धी०पी० से भेज दिये जायगे। पाकीके ३ ग्रन्थ पुट कागज़ परसुन्दरता पर्वक छाप कर खाली डाकखर्चको पी पी.से भेजते रहेंगे। १७०० पृष्टके (मजिल्द) आठ ग्रंथ ५) में जिनवाणी संग्रह (रेशमी जिल्ल) २ जैनकथाकोष (सजिल्द) नित्यपाठ गुटका भाषा ४ नित्य । पाठ गटका संस्कृत ५ सरल नित्यपाठ संग्रह ६ बोबोसी पाठ (पृन्दावनकृत) ७ चौबीसोपाठ (रामचंद्र कृत) = भाद्रपद पूजा संग्रह जिनवाणी चित्रशाला-उत्तमोत्तम चित्रोको १५ x २० साइजमें छपाकर सुन्दर नकशे तैयार कर रही है भाप अपने कमरों मेसे अब भहे अश्लील और गंदे चित्रोंको भाजही फेंकद तथा पड़े । चित्रोंकी सची मंगाकर देखें, तीन रंगा-चार रंगा चित्रों का बड़ा भारी स्टाक हमारे यहाँही । REERARAM सस्ती जिनवाणी ग्रंथमाला पो०० ६७४८ कलकत्चार
SR No.538001
Book TitleAnekant 1930 Book 01 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1930
Total Pages660
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size83 MB
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