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________________ ४१८ अनेकान्त वर्ष १, किरण ६,७ ११) बाब राजकृष्णजी कोलमर्चेण्ट, देहलीके जमा, १८०) आवश्यक सामान खाते खर्च, अलमारियों, देने बाबत बिल कोयला व लकड़ीके जो १८ अ- बरतन वगैरह के खरीदने में। गस्त १९२९ को आए । ५३)। स्टेशनरी खाते खर्च। ५१३) ला० धूमीमल धर्मदासजी कागजी देहली के । २२२॥ वेतन खाते खर्च,जो 'अनेकान्त' खातेसे भिन्न दूसरे क्लकों आदिके वेतनमें दिये गये । जमा, जो बाबत बिल कागज, नं० १२९०९ (मार्च महीनेके १८॥) रु० देने और बाकी ता० २१ मार्च सन् १९३० के देने हैं । थे जो अप्रेल में दिये गये।) २०) छपाई खाते खर्च,जो 'अनेकान्त' खातेसे भिन्न ३४२८|-m आश्रम के सदस्यफार्मों, रसीदबहियों, पत्रों आदिकी बाबत दिये गये। १५/-)। तेलबत्ती खाते खर्च । ११३)। प्रचार खाते खर्च। ९॥-) ग्रन्थसंग्रह खाते खर्च। २३४।०) भोजन खाते खर्च। ३०॥)। पोष्टेज खाते खर्च, मध्ये २४४॥)। कुल पोष्टेज खर्च आश्रमके, जो अनेकान्त' खाने भिन्न आश्रमखर्चकीबाबत अंदाज़ा कियागया ५४)। मुतरिक खाते खर्च, जिसमें १५-)ट्रेम्वे ताँगा आदि खर्चके, २७॥2) किरेल, महसूल लगेज व पार्सल आदि के और बाकी ११॥)। दूसरे मुतफर्रिक खोंकी बाबत हैं। २२००॥ ७५०) सबसेविंग बेंक पोष्ट आफिस कगैलबागके नाम ३८५) राय बहादुर साहु जगमन्दरदासजी जैन रईस स्वीकृत हुवा नजीबाबाद (कोषाध्यक्ष) के नाम । *५०) वैद्य शीतलप्रसादजीके नाम अमानत । द. मक्खनलाल २) अयोध्याप्रसादजी गोयलीय के नाम । सभापति १) बा० राजकृष्णजी कोलमर्चेन्ट के नाम, जो उन्हें १२-४-३० पोष्टेज खर्च के लिये दिया था। ३३८८ * इसके बाद भी कुछ कोयला भाया है जिसका बिल बहुत कुछ तकाज़ा करने पर भी न मानेसे जमा-खर्च नहीं हो सका। x ये रूपये प्रप्रेल मासमें दिये जा चुके हैं। ३९॥5॥ रोकड बाकी ३४२८/द जुगलकिशोर मुख्तार अधिष्ठाता 'समन्तभद्राश्रम' * यह रकम अप्रेल में वैद्यजीसे भा गई है।
SR No.538001
Book TitleAnekant 1930 Book 01 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1930
Total Pages660
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size83 MB
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