________________
સમાચાર સાર
श्रीनशासन (216वाडीs)
वर्ष :१५is : २१ ता. २५-३-२००3
|
पालीताना में बहुविध धर्मप्रभावना
| श्री शत्रुजय जी महातीर्थ की भूमि पर परम | उपधान तप का मालारोपण समार ह 16 पूज्य उपाध्याय श्री मणिप्रभसागर जी म.सा. ठाणा नवम्बर,2002 को सम्पन्न हुआ। इस उपधान तप 6 एवं पूज्य आर्या श्री प्रकाश श्री जी म.सा. ठाणा में 200 तपस्वियों ने तप का आनन्द लिया हाडेचा 25 की पावन निश्रा में बहुविध धर्मप्रभावना हो रही जैन संघ द्वारा निर्मित हाड़ेचा भवन का स्द्घाटन है। श्री जिनहरि विहार में नवनिर्मित मयूर मंदिर की 15 नवम्बर को हुआ। 17 नवम्बर को 200 वॉल्यूम प्रतिष्ठा 17 नवम्बर को सम्पन्न हुई। प्रतिष्ठा का में प्रकाशित होने वाली महत्वाकांक्षी आगम योजना विधि-विधान शासनरत्न श्री मनोज कुमार बाबूमल का शुभारंभ किया गया। जी हरण ने सम्पन्न करवाया। इस अवसर पर पूज्य उपाध्याय प्रवर की पावन निश्रा में मुमुसु गौतम सर्वश्री मंगलप्रभात लोढ़ा, डॉ. जितेन्द्र बी. शाह, कांकरिया की आर्हती दीक्षा 6 फरवरी, 2003 को
मोहनलाल जी. मुथा, द्वारकादास डोसी, ललित पालीताना में तथा कुमारी भाविता पारख की आर्हती * नाईटा एवं किशनचन्द बोहरा का बहुमान किया दीक्षा 22 फरवरी को बड़ौदा में होगी।
गया
| श्री गौडवाड जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक पुणे शहर यह संस्था पुना शहर में स्थित जैन मूर्तिपूजक संघ की सबसे बडी संस्था है। पश्चिम राजस्थान के ९९ गावांका समुह को गोडवाड के नामसे जाना जाता है। इस गौड़वाड क्षेत्र के १००० से ज्यादा परिवार पुना शहर एवम् आजुबाजुके उपनगरीमें रहते है।
श्री गौडवाड जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ संस्थाके कार्यकारीणी मंडळ का त्रैवार्षिक चुनाव संपन्न हुआ। पदाधिकारी एवम् कार्यकारीणी सदस्य नीचे मुजब चुने गये।
संस्थाकेअध्यक्षपद के लिए चौथीबार निरविरोध श्री.फत्तेचंद्र नगराजजी रांका एवम् दुसरीबार निरविरोध सर्चवपद के लिए श्री.गणपतराज इंद्रमलजी मेहता को तीन सालके लिए चुना गया।
उपाध्यक्ष श्री.प्रविणजी जैन, श्री राजमल ओसवाल सहसचिव श्री.शांतीलाल बलदोटा
खजिनदार श्री.पारसमल जैन सदस्य श्री.सुभाष फतेचंदजी चंडालिया,
श्री.पारसमल राजमलजी बोराणा, श्री.ललीत एम्. ललवाणी,
(८) श्री.संपत पुखराजजी जैन, श्री.मोहनराज जे. जैन,
(९) श्री.जयंतीलाल शांतीलालजी रांका, श्री.प्रविण छोगालालजी जैन, (१०) श्री.विमल आनंदराजजी वेदमुथा, श्री.अशोक हंसराजजी सोढा, (११) श्री.तेजपाल लालचंद्रजी बाफना, श्री.केवलचंद मोहनराजजी नहार, (१२) श्री.दिलीप जिवराजजी कितावत.
उपरोक्त सभी सदस्य भारी वोटोंसे चुने गये। अधक्ष श्री.फत्तेचंद नगराजजी रांका यह रांका ज्वेलर्स प्रा.लि. पुणे के मॅनेजींग डायरेक्टर है। सन १८९३ से क्रमही चौथीबार समाज ने अध्यक्षपद के लिए निर्विरोध चुना है।
घभया
આર્તધ્યાનથી તિર્થયરાતિ પ્રાપ્ત થાય છે.
ન ધર્મધ્યાનથી દેવગતિ પ્રાપ્ત થાય છે. રોદ્ર ધ્યાનથી નરકગતિ પ્રાપ્ત થાય છે.
E શુકલ ધ્યાનથી સિદ્ધિગતિ પ્રાપ્ત થાય છે. juhe शौ?