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________________ શ્રી પાર્શ્વનાથ મંદિર પ્રશસ્તિ. ३७७ इस मंदिर के प्रतिष्ठा का मंत्री दलीपवंश के श्रीमान गच्छराज और देवराज है । इस वंशवालों की कराई हुई प्रतिष्ठा आदि के कई लेख मिले हैं और मेरा जैन लेख संग्रह जो शीघ्र प्रकाशित होने वाला है उस्में दी गई है। इस प्रशस्ति में सहजपालसे इनकी वंशावली के नाम वर्त्तमान हैं । सहजपाल के पुत्र तिहुरमापाल उनके पुत्र राह उनके पुत्र ठक्कुर मंडन उनकी स्त्री थिरदेवी उनके पुत्र १ सहदेव २ कामदेव ३ महराज ४ वच्छराज ५ देवराज थे. ४ वच्छराज की दो स्त्री प्रथम रतनी जिनके २ पुत्र पहराज और चोढर और दूसरी वीधी जिनके धनसिंहावि पुत्र लिखे है। ५ देवराज के भी दो स्त्री राजी और पधिनी राजी के तारा नाम्री कन्या थी और उस तारा के धर्मसिंह और गुणराज यह दो पुत्र हुये और पद्मिनी के पीमराज पद्मसिंह और घडसिंह यह तीन पुत्र और अच्छरी नाम की एक कन्या थी। ____ आगे खरतरगच्छ की पट्टावली भी लिखी है । वज्रशाखा चंद्रकुल के उद्योतनसूरि से जिनेंद्रसूरि तक है और वर्द्धमान सूरि के पाट पर जिनेश्वर सूरि से खरतर बिरुद का स्पष्ट लेख है जिससे बहूतसे पक्षपातियों का भ्रम दूर होगा। आचार्यों के नाम क्रमवार हैं यह पूर्वदेश की अपूर्व वस्तु है आज तक अप्रकाशित थी । इस्को पांडित्य और पद लालित्य पाठको को पढनेसेंही ज्ञात होगा ॥ कलकत्ता. श्री पुरणचन्द नाहर. श्रीपार्श्वनाथ मंदिर प्रशस्ति. (१) प०॥ ॐ नमः श्रीपार्श्वनाथाय ॥ श्रेयःश्रीविपुलाचलामरगिरिस्थेयः स्थितिस्वीकृतिः पत्र श्रेणिरमाभिरामभुजगाधीशस्फटासंस्थितिः। पादासीनदिवस्पतिः शुभ फलश्रीकीर्तिपुष्पोद्गमः श्रीसंधायददातुवांछितफ (२) लं श्रीपार्श्वकल्पद्रुमः ॥ १ यत्र श्रीमुनिसुव्रतस्य मुविभोर्जन्मवतं केवलं सम्राजा जयरामलक्ष्मणजरासंधादिभूमीभुजां । जज्ञे चक्रिवलाच्युतमतिहरिश्री शालिना संभवः पापुः श्रेणिकभूधवादि (३) भविनो वीराच्च जैनी रमां ॥ २ यत्राभयकुमारश्रीशालिधन्यादिमा घनाः । सर्वार्थसिद्धिसंभोगभुजो जाता द्विधापि हि ॥ ३ यत्र श्रीविपुलाभिधोऽवनिधरो वैभार नामापि च श्रीजैनेंद्रविहारभूषणधरौ पूर्वाप
SR No.536512
Book TitleJain Shwetambar Conference Herald 1916 Book 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Dalichand Desai
PublisherJain Shwetambar Conference
Publication Year1916
Total Pages264
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Shwetambar Conference Herald, & India
File Size20 MB
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