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જૈન કોન્ફરન્સ હેરલ્ડ,
न बेली होयग्रा भाई | बेटा बाप ना भाई ॥
क्या फिरता है सैदाई,
अमलने काम आना है ॥ ३ ॥
फरिश्ते रोज करते हैं ।
मुनादी चार कुंटोंमें ॥
महल्ला उंचियो वाले,
जहां को छोड़ जाना है ॥ ४ ॥
प्यारे नजर कर देखो ।
पडी जो माडियां खाली ||
गये सब छोड़ यह दुनिया,
दगाबाजी कबाना है ॥ ५ ॥
मुसाफर तुं है और दुनिया |
सरा है भूल मत गाफिल ||
सफर परलोकका आखर,
तुझे दर पेश आना है ॥ ६ ॥
न जावे संग कुछ हरगिज ।
यहीं सब छोड़ जाना है ||
बखूदी गोर कर देखा,
तो मतलबका जमाना है ॥ ७ ॥
प्यारे नजर कर देखो ।
न खेशों में कोई तेरा |||
जनो फरजंद सब कूकें,
किस्ने तुज्ञे छुडाना है ॥ ८ ॥
य होंगे सर ब सर लेखे । arth रोज ऐ गाफिल ||
[नवेभ्र