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જૈન કોન્ફરન્સ હેરલ્ડ
[સપ્ટેમ્બર
प्रगट की है कि, दिक, गठिया, हैजा, आदिक, (Consumption, Gout, Cho lera, Scurvy, Cancer, Appendicitis) य रोग मांस भक्षणसे पैदा होते हैं और वहांक लोग मांसाहार छोडकर फलाहारी बन रहे है।
(१) थोडे दिन व्यतीत हुए कि इग्लैण्डमें एक लैडी महाशयने एक बहुत अच्छा प्रयत्न करके यह बात दिखला दी है कि मांसाहारसे बढकर ताकत करनेवाला फलाहार है. उस लेडी महाशयाने दश हजार मांसाहारी लडकों के बोर्डिंग हाउसकी बराबरी में एक दश हजार फलाहारी लडकोंका बोर्डिंग हाउस कायम किया, बाद छ: महीनेके उस लैडी महाशयाने उन दोनों बोर्डिंग हाउसो के यानी मांसाहारी और फलाहारी लडकोकी बडे २ डाक्टर साइन्सवेत्ता विद्वानों के द्वारा परीक्षा कराइ तो परीक्षामें मांसाहारी लडकोंसे जो फलाहारी लडके थे, वो, सकल सूरतमें, खूबसूरतीमें, शरीरके वजनमें, नीरोगतामें ( तन्दुरस्ती में) बुद्धि में, उनसे कइ अधिक गुणे दर्जे बढकर निकले उसी दिनसे यह तजर्वा (जांच) “फलाहार विजय" (London County Council Vegetarian Victory) के नाम से इग्लैण्डमें मशहूर होगया है।
महाशयो! इस फलाहारकी उत्तमताके विषयमें बहुत २ अच्छी तरहसे जांच हो चुकी है, इंग्लैण्डमें बडी २ दौ. साईकलोकी दौडें और पानीमें तैरना आदि क्रियायें होती हैं उनमें फलाहारके करनेवाले तेज, ताकतवर, निकलते हैं।
(२) इसी जांचके लिये एक लेडी प्रोफेसर लेसिल यूनीवर्सिटीने भी एक अर्नोग्राफ (Ergograph) पैमानेसे अच्छी तरहसे मालूम किया है कि फलाहारियोंमें काम करनेकी शक्ति मांसाहारियोंसे तीन गुणी ज्यादा होती है अब विचार करें। और सोचें। कि हमारे पश्चिमीय विद्वान किस कदर परीक्षा कर मांससे घृणा पैदा कर फलाहारी बन रहे हैं। और फलाहारकी उत्तमताके बाबत में सहस्त्रों बहुत २ अच्छी पुस्तकें तथा ट्रेक्ट प्रकाशित कर रहे हैं। और इग्लैण्ड के बडे से बडे बहुतसे पत्र अब फलाहारके मजबूनों को जगह देनेमें खुशी जाहिर कर रहे हैं। और फलाहार के प्रचारको बढानेकी कोशिश कर रहे हैं।
और बडे २ साइन्सवेत्ता वैज्ञानिक महाशय इस फलाहारकी महिमाको पूरी तारसे प्रगट करनेके लिये और मांसाहारकी बुराइयां जाहिर करनेके लिये