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________________ सैन अन्३२.स २८४. - (भार्थ.. घूजा वो वोली का हों वो भी वही में अपने हाथ से लिखदे और उसकी रसीद छपीहुई कारपरदाज से लेखिजिये जिसमें आपका चढाना सफल हो । ६ पंचपहाड के मंदिर में जो नगदी चडाहावे वो वाली या पूजा की जो नकदी हो या सोना चांदो प्रमुख या आभूषण प्रमुख जो चढावे उसको वहां नहीं छोडकर वहां से लेतेआधे गांवमंदिर के मनेजर कि सपुर्द करके भंडार की वहीमें पूवित लिखके रसीद लेलेवे पहाड पर छोड़ने से लुटेरे लूट लेते हैं वो भंडार में न आया तो आपका चढना व्यर्थ है और धर्म में उलटा कर्मका बंध हुवा न जाने के वे लुटेरे उस द्रव्य को किस कार्य में लगावे और वे लोग मांसाहारी भी हैं ॥ ' इस तीर्थस्थान पर नीचे लिखे कार्यों की विशेष आवश्यकता है ॥ १ पांचों पहड के रस्ते बहुत खराब है जात्रियों को बहुत कष्ट होता है । २ गांव में जो धर्मशाला है सो बहुत कम है जब ज दे जात्री आते हैं तब उतरने को जगह नहीं मिलती है जब पंडो का बदोवस्त थ' तो वो लोग अाने लोभ के वास्ते जात्रियों को जब जगह न मिलती तो अपने मकानों में भी उतारते थे सो अब यह बात नहीं है अब जगह न मिलने से जात्री और मनेज : को पूरा कष्ट होता ॥ उपर लीखे नं० १ । २ को बांचकर सक्ती माफक इसपर दृष्टी दे के साध रनखाते में दीजिये जिसमें ये कष्टता दूर हो और जो स्वजन ४०० को मदद करेगे उन नामसे १ कमरा बनवाया जायगा और संसार के बढानेक तो सक्ती से जाद करजा करके भी विवाहादिक कार्य करते है परन्तु जो इसकार्य में खरचेगें उनका लोक परलोक सब में बेहतरी होगी यह भी विचारियेगा इस तीर्थ पर पहाडों के सबब नौकर का खरचा जादे है । गरमी में पहाह पर पानी पीने का मजूर ले जाता है । फी मजूर को ।) देना होता है। जीन जात्रियों को न कर कहार पहाड पर ले जाने को चाहिये सो भंडार के सिपाही के मारफत कीजियेगा क रण अगर आप अपने से नौकर प्रमुख करोगे तो उसका जवाबदेही मनेजर के उपर नहीं होगा. इहां का दरयान लिखें। २॥-) पांचो पहाड के दरसन केराने की डोली की मजूरी ) मजयूर खिदमतगार 1) मजदूर जो १२ वर्षतई के लडके को पांचो पहाड पर दरशन करावेगा उसको 1-) कोई बख्त ॥) भी है दूध दर -॥ =) फी मेर अपने सामने दूहाके लेने से। ता० अकटुबर सन १९०९ सं० १९६६ आसीन बदी २ शुक्रवार
SR No.536506
Book TitleJain Shwetambar Conference Herald 1910 Book 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Dalichand Desai
PublisherJain Shwetambar Conference
Publication Year1910
Total Pages422
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Shwetambar Conference Herald, & India
File Size13 MB
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