SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 337
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १८०७] પરદેશી ખાંડમાં રહેલી ભ્રષ્ટતા. [ ર૯પ પેદા કરવાની ઉત્કંઠા અને સાંસારિક મહા ઉપાધિઓ માથે પડી હોય ત્યાં વીર્ય વધારનારા પદાર્થો પણ અસર હીન થાય ત્યા તેનાથી ઉત્પન્ન થયેલું વીર્ય બળી જાય એમાં શું નવાઈ ? (अपूर्ण) य. परदेशी खांडमां रहेली भ्रष्टता. तथा स्वदेशी खांडनी चालु थयेली चळवळ. आजकाल देशना एक छेडाथी ते बीजा छेडासुधी परदेशी खांडमां रहेली भ्रष्टता तथा स्वदेशी खांडनी चळवळ चालु थयेली जोवामां आवे छे, अने लोकोमा आ विषेनी काईक वधु जागृति थयेली पण द्रष्टिगोचर थाय छे. घणी नातोए आ परदेशी भ्रष्ट खांडनो वपराश बंध करेलो छे, अने बीजी नातो पण ए खांडनो वपराश बंध करती जाय छे, ज्यारे केटलीक नातो आ खांडनी बनावटना प्रथक्करणना जाहेर धोला केटलाक रिपोर्टोथी शंकाशील थई हजु विचारमा पडेली छे, परंतु परदेशी खांड के जे मांसाहारी प्रजाना मुलकोमाथी आपणा देशमा आयात थाय छे, तेनी बनावटमां के तेने सफाईदार अने उज्वळ बनाक्वानी क्रियामां कहेवातुं बळदनुं लोही तथा हाडकां एकवार मानो के न वपरातां होय तो पण हिंदु जेवी पवित्र कोमे तो शकवाळी वस्तु न वापरवामांज तेओनी धर्भनी पवित्रता सचबाबानी छे. जोके परदेशी खांडने साफ करवाना प्रयोगमां बळद लोही तथा हाडकाना चुनानो वपराश करवामां आवे छे एवो मत घणा अनुभवीओए प्रदर्शित करेलो छे अने तमां शक राखवा जेवू नथी के आजना साय टीफिक जमानामां व्यापारनी हरीफाईना योगे करी परदेशीओ के जेओ मांसाहारी छे अने आहार शुध्धिना नियमोनी । लेश मात्र पण दरकार करे तेवा नथी तेओ लोभना अंगे उपर मुजबना प्रयोगो करवाथी कदापि पण पाछा हठे तेवा नथी माटेज जे वात बहार आवी छे तेमां सत्यनो अंश होवोज जोइए तेथीज परदेशी खांडनो विरुध्ध अत्यारे देशमा अवाज उठी रह्यो छे. हवे आ खांड कया कया मुलकोमाथी आवे छे तथा ते कया कया पदार्थोमाथी बनाववामां आवे छे ते तपासवा जेवू छे. केमके ते तपास्या पछी तेमांथी आपणा लाभना अमुक मुदाओ उभा थवानी वकी छे, के जे मुदाओनी अवगणना करवाथी आपणे एक प्रजा तरीके, एक व्यक्ति तरीके, अथवा कहो के एक धार्मिक अभिमानी तरीके नाबुद थवानी मोटी दहेशत छे. आ परदेशी
SR No.536503
Book TitleJain Shwetambar Conference Herald 1907 Book 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGulabchand Dhadda
PublisherJain Shwetambar Conference
Publication Year1907
Total Pages428
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Shwetambar Conference Herald, & India
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy