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________________ २४२] જૈન કોન્ફરન્સ હેર૭. [ઓગષ્ટ ईओ बीना दिलसे ईन कामोंमें शामिल हुवे बिना, अपने खास खास मतलबके बस होकर जैसे धर्म कार्यमें बाधा डाल देते हैं. बस हमको हमारी कोन्फरन्स सभा ताके बचनोंको अनुकर्ण करके अखंड कीर्ति गामी बननेकी डीगरी हांसल करना चाहीये. कहाहै कि (खारा बोली मावडी ने मीठा बोला लोग). ईस समझासके बाद सबपंचोने मेरी ईस दरखास्तको स्वीकार कीया और निम्न लिखित दस्तावीज लिखदीया. ( नकल दस्तावीज पंचान बिंजोवा). आज ता० ८ जोलाय सन हाल मुताबिक मिती असाढ वद १२ समत १९६३ रा को मोजे बिजोवकि जैन धर्मसालामें मोजे मझकुरके पंचान श्रीसंघ समस्थकी हाजरीमें बाबत हीसाब मंदिर श्री वरकाणा पार्श्वनाथजीके दुरुस्तीके लीये बतोर खानगी राजपुताना ईन्सपेक्टर सुराणा हीरालालजी वो ओडिटर ईन्सपेक्टर खेताणी हरीलालजी धर्मकी सेलीके मुताबिक ईस कामको ठीक तोरसे नहीं रखनेकी आसातनाए जाहेर की, जीसको तमाम पंचानने मंजुर कर हीसाबकी दुरुस्ती लिये वो जांच भंडारके लीये अपनी रजामंद जाहर कर, अपनी तर्फसे पंचोमेंसें के जिनके जुमें ईस वरकाणाजीके मंदिरजीका मोजुद जमों खर्च रहता चला आयाहै, याने मुसमी गुलाबचंद जी कपुरचंदजीराने जाहेर कीयाके ईस नांवेके काममें जिस कदरके मुझको वाकफी हैं में आपनी रजामंदीसे दुरस्त कराढुंगा. बनाजी बुधाजीरानेभी बमुताबिक बयान गुलाबचंदजीके मंजुर कीया. छजाजी मोतीजीरा बनाजीके बयानकी ईदकी. तिलोकचंदजी गाडुजीराने बयान कीयाके मेरा दादा पंचायतीका काम करतेथे जिस्की मुझको वाकफी होवेगी सो और ईस नांवेकी तपासमें मेंभी सामिल रहकर वहीयोके दस्तखत देखनेसे जाहर करुंगा के ये नांवा फलो फलां सखसोंके हाथसे हुवा, जिसमें मुझको वाकफी होवेगी वो बतलाउंगा, नहींतो में सामिल रहुंगा. और बाकी सब पंचान महाजनानने जो ईस मोजुदा वकतमें हाजिर हैं जाहर कियाके नांवा तपासनेका काम शुरु कीया जावे हम सब लोग ईसमें रजामंद है. और जो कुछ वाकफी हमको होवेगी हम खुद हाजिर रहकर या बुलाने पर सही सही हाल बयान कर देंगे यह तहरीर हम रजामंदीसे तसलीम और तसदीक करते हैं. ता० सन सदर. ईस मुजबके दस्तावीज कराके खास मुखियोंके दस्कत हो गये. काम हीसाब तपासीका शुरु कराया गया. ली हीरालाल जैन श्वे० डायरेक्टरी ईन्सपेक्टर राजपुताना.
SR No.536503
Book TitleJain Shwetambar Conference Herald 1907 Book 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGulabchand Dhadda
PublisherJain Shwetambar Conference
Publication Year1907
Total Pages428
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Shwetambar Conference Herald, & India
File Size12 MB
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