SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 27
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १८०७ ] भी० डास सुराणा प्रवास.. भापति, महता सलेराजजी मंत्री महता हरकचंदजी उपमंत्री सराफ बैजनाथजी कोशाध्यक्ष सा. वनगमलजी लायब्रेरियन इस्के कय्गवा सभासद इस माफिक कोठारी जसवंतराजजी शेठ अगरचंदजी मोदी दीपसीजी बोरा पेमचंदजी महता गोरूरामजी चोधरो धनरामजी हमीरमलजी महता हीरानंदजी सोनमलजी चुनीलाल घोडा दासफावाला महता जसवंतराजजी लूनिया छोटमलजी गांधी टीकमदासजी हेमराजजी महता समरथराजजी उम्मेदमलजी महता हिम्मतलालजी शा चोथमलजी भंडारी जीवंतराजजी सुराणा हेमचंदजी बेजनीमलजी मुहणोत गणेशराजजी ता, विरधीचंदजी अचळदासजी. ___ यहांपर नींबोरा दरवाजा वाहिर श्री रिषभदेवजी महाराजका मंदिर है जिस्मे पहले राजके सवार सिपाई वगरे उतरकर पूरी आसातना करतेथे जिस्के बाबत गुंफा पुनमचंदजी व पश्चात जालोरने महको खास राज जोधपुरमे दरखास्त की उसपर इस्तिहार बावत मंदिरमें कोई भी नहीं उतरनेके ता. २१ दिसम्बर सन १९०६ इस्वीको कचहरी जालोरसे जारी हुवा के जिस्मे अब कोई नही उतरते है. इस जालोर मे जो इस वक्त तोपखानेके नामसे स्थान पहचाना जाता है. वह महावीरजीका मंदिर है १३२१ की साल मगसर सुदी १ भट्टारकजी गुरु प्रतिष्टा कराने वाले थे. यह स्थान बहुतही सुन्दर ओर कोरनी नामी है. लाखो रुपये लगे हैं इस्मे राजने विरान पडनेके कारण सिपोईयोंको रखछोडे हैं इस्के नीचे हमारी जैनियोंकी विरासन पानी जिनबिम्ब आदि होनेका अनुभव है. सोलंकी पृथिराजजी उपसभापति, महेता सलेरामजी.
SR No.536503
Book TitleJain Shwetambar Conference Herald 1907 Book 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGulabchand Dhadda
PublisherJain Shwetambar Conference
Publication Year1907
Total Pages428
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Shwetambar Conference Herald, & India
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy