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________________ वद ९ नो नीचेनी मतलबनो पत्र ते लोकोए लखी मोकल्यो :-- कोन्फरन्स तरफथी थता सुधारानां कार्योनी कोशीषथी अमे इनकार नथी, पण सर्वेनी सलाह लेवामां कदाचीत कोइ काममां ढील थाय तो ते विषे कांइपण जुदो ख्याल करवो नहीं. लहीआओ माटे कील्ला उपरज देरांओनी पासे तजवीज करवामां आवी छे. तेमने एक बे आदमओिनी देखरेख हेठळ पुस्तको अने पानांओ आपवामां आवशे. तेओ खुशीमां आवे ते वखते पुस्तकोनुं मीलान करे, अने आवी रतेि पुस्तकोने कील्ला उपरथी नीचे लाववानी जरुर रहशे नहीं; कामथी मतलब छे, अने ते थयां करशे. जे पुस्तको जीर्ण थइ गयां छे तेनी नकल करावीने भंडारमा राखवी, ते अत्यारने तथा भविष्यने माटे हितकारक छे, तेथी जरुरनुं अने मुनासीब छे के तेम करयाने मंजुरी आपवामां आवे अने लहीयाओने सुचना आपवामां आवे के तेवी नकलोनी मालकी जेसलमेर संघनी छे. जे जे पुरतकोनी कोन्फरन्सने जरुर होय, ते लखी मोकलेथी नकल करावीने मोकलवामां आवशे. नीचेनां (शहेरना) भंडारोनी टीपy काम पण शरु कराववामां आवशे, अने आमांथी जे जे पुस्तको अत्यार सुधीमां छपाइ गयलां होय ते छपाववां के नहि ते कोन्फरन्सनी मरजी उपर छे, परंतु जे छपायेलां नथी ते छपाववां नही, कारणके तेमां आशातनान कारण छे; जरुर होयतो नकल करावी लेवी. आ प्रमाणे कामनी व्यवस्था करवा माटे जे माणसोने नीमवामां आवशे, तेनो गार कोन्फरन्से आपवो पडशे. जर्णि पुस्तकोद्धारकामशरु थतांज, नीचेनां भंडारोनी टीपनं काम शरु करवा देवामां आवशे. श्री संघ जेसलमेरने धर्मनी उन्नति अने सुधागना संबंधमां पूरेपूरो ख्याल छे, अने कोई शकमंद आदमीओनी तरफथी रोकात थई तो पण तेमणे पोतानी फरज अदा करी छे, अने भावष्यमां पण करता रहेगे; परंतु अडचणो अने खर्चने माटे विचार करो के जेसलमेर संघ केवी रीते जाखमदार थई शके ? आ सीवाय कील्ला उपर जे मंदीर छे, तेनुं वार्षीक खर्च रु २००० नु छे, ते आ वखतमा पुरु थई शकतुं नथी, तो ते संबंधमां कॉन्फरन्से मदद आपत्री जरुरी छे. सारांश के आथी जेसलमेर संघे भारत वर्षीय जैन समुदाय उपर भारी उकार को छे, अने जे जे भंडारोए आगळा वखतमां भाग्येज हवा अने अजवासनो लाभ लीधो होय, ते भंडारोने कॉन्फरन्जनी कोशीपथी उघाडीने टीप करवा दीवी, तेमज जीर्णोद्धार कराववा सारु पण विचार दर्शात्या ते बहु खुशीनी वात छे. आ प्रमाणे ठरवस्थाशी जे एतको गी जईले नाश थतो हतो ते अटकशे अने सारी रीते कायम रहेरे, जो के आ भंडार टाप करक.म. घणाज वखत अने श्रमनो भोग आपवो पड्यो छे, तो पण जेसलमेर संघना पत्र उपरथी मालम पडे छे के कोई अणसमजु आदमीओ तरफथी हरकत नांखवामां आवी हती, अने आशा राख वामां आवे छे के भविष्यमा जेसलमेर संघ पोतानी फरज अदा कोज करशे.
SR No.536502
Book TitleJain Shwetambar Conference Herald 1906 Book 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGulabchand Dhadda
PublisherJain Shwetambar Conference
Publication Year1906
Total Pages494
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Shwetambar Conference Herald, & India
File Size13 MB
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