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मारवाडमें मंदिरोंकी स्थिति इन्स्पेक्टर हिरालालजीका बाडमेर इलाके मारवाडमें डाइरेक्टरी वास्ते
___ दौरा हुवा सो वहांका संक्षिप्त हाल इस तरह पर है. इस बाडमेर इलामें बिलकुल रस्ता खराब और बेमालुम कमर छाती तक भुरट खडे हैं बिकट पहाडी उजाड रास्ते. और भाखरोंकी खोहमें गांव बस्ते हैं लोग धर्मसे बिलकल अनजान है. नाम मात्रका चिन्ह धराते हैं राक्षसी वृत्ती है. स्वरूपसे कोई
ओसवाल नहीं कह सकता, बाडमेरसे १३ कोसपर केराडू गांवमें जैन मंदिर हैं जिसमें ५ तो शिखर अभी बने मोजूद है. कोरणी आबूजीके मानिन्द है सब बेरान पडे है. 'लाखों रुपयोंकी लागतके है संवत १२१८ का प्रतिष्टा हुवा लेख वहां देखने में आया हैं
केराडूसे करीब ७ कोसके फासलेपर जूना गांव है वहांके बिकट पहाडोंमें मंदिर है सूने २ शिखर मोजूद और गिरे हुये है, संबत १३५६ के कार्तिकमें श्री जैन चंद्रसुरी गुरुका प्रतिष्टा किया हुवा नागपाल श्रावक नरसिंहा नृपाके समयका यहांपर इन दोनों स्थानोंमें नाना भांतिकी रिद्धिका होना पाया जाता है. बाडमेर खासमें एक जतीजी इन्द्रचन्द्रजी है जो क्रिया पात्र पाये जाते है उन्के उपासरेमें जिन बिम्ब विराजमान हैं. निहायत कांतिमय शोभा अकथनीय है. जिन्की सेवा भक्ति अच्छी करते है. और जूने केराडूमें
जैनोंका यहां बडा गोर्व है. यहांपर जीर्णोद्धार कराया जावे. परन्तु ताकत हासिल करके - ऐसे २ स्थानोंको तपासे. यह स्थान तमाम मारवाडके देवालयोंको सुधारनेमें काफी होंगे.
परन्तु कोशीशसे यानी राजका हुकम व इख्तियार लेकर यह काम किया जावे. .
श्रीः जैन धर्मकी उन्नति व विद्या व ज्ञानकी तरकी की खयालसे हमारे जैनी भाइयोंने सलाह करके एक श्री श्वेतांबर लायब्रेरी ता. ११ अक्टूबर सन १९०६ ई. से मु. कम्बे संजीतमें कायम की है, लिहाज़ा अपने जैनी भाइयोंसे कोई जैनी अखबार निकलताहो उनकी सेवामें निवेदन है कि कृपा करके अपने पत्र इस लायब्रेरीमें जो विना मूल्य भेजेंगे, उन साहेबोंका शुक्रिया अदा किया जावेगा, और जो साहब विना मूल्य नहीं भेजना चाहते वह साहब एक एक कापी नमूनेके तौरपर रवाना फरमायें पसंद होगा तो मंगवा लिया जावेगा. फत्क.
आपका शुभचिंतक,
चिंतामणदास सेक्रेटरी श्री श्वेतांबर जैन लायब्रेरी संजीत, जि. जावरा, मु. मालवा.