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________________ मैन कॉन्फरन्स हरेल्ड. [जनवरी प्लटेफार्मसे ५० कदम आगे ठहरी इसका सर्वको भागकर शीघ्रही उनके उतरनेके पहिले पहुंचना पडा; सबसे आगे बाबू सुलतानसिंह थे. उनने स्वागत किया, और गाडीके बराबरही एक कालीन बिछाया गया उसपर सभापति साहेब आनकर खड होगए. प्रथम महाविद्यालयके विद्यार्थियोंने उनके शुभागमन के हर्षमें लिखित अभिनन्दन पत्र गाया और बाबू भर्जुनलाल सेठी बी. ए. मनेजर जैन महाविद्यालयने अभिनन्दनपत्र जो एक रेशमी रुमालपर मुद्रित था एक मोठे कागजके तख्तेपर लगाहुवा सभापति साहबके भेट किया. इसके बाद बाबू चन्दुलाल बकीलने एड्रेस हिन्दीमें कहा और एक माला जो गोटेकी बनाई गई थी सभापति साहबको पहनाई. बाबू ईश्वरीदासने इंग्रेजीमें सभापति साहबकी प्रशंसा की. बाबू जुगमन्दिरलाल एम. एन जैन यङ्ग मन्स एसोसिएशनकी ओरसे अंग्रेजीमें धन्यवाद दिया. मिष्टर जैन वैद्यने हिन्दीमें उनकी प्रशंसा की. इनके उत्तरमें सभापति साहबने सभापति किए जाने की गौरवता प्रगट की, और अपने कुल कर्तव्यों व कार्योको केवल आत्माका धर्मही बताया, और कोई प्रशंसनीय सार्थ न बताया. इस तरह अपनी न्यूनता प्रगट की. पश्चात् बाबू बनारसीदासने सभापति साहबसे सर्व प्रतिष्ठित पुरुषोंकी भेट कराई. ष्टेशनसे प्लेटफार्मसे लेकर बाहरतक लाल खारवा बिछाया गया कि जिस पर होकर सभापति साहब गुजरे, ष्टेशनके बाहर हाथी (जिसपर चांदीका गोल होदाथा) पर सभापति व उनकी तीन छोटी २ पोतियां सवार हुई. सवार होते वक्त मेरटकी वाजेवालोंकी कम्पनीने सलामी दी. हाथीपर सभापति साहबके पीछे लाला खूबचन्द बैठे और बाबू गोवर्द्धनदास और ईश्वरीदास दोनुं चांदीकी छडी लिए हाथोकी पीठ परही सवारहुए. जिस समय सभापति साहब ष्टेशनसे बाहर आए ष्टेशनके बाहरभी १०० तथा १२५ आदमी मोजुद थे. और गाडीयोंकी घूमधामका अजब समाथा. . सबसे आगे मेरठ कंपनीका बाजा था. उसके पीछे सभापति साहबका हाथी और उसके पीछे गाडियां और रथों की कतार दूरतक थी. इस प्रकार शहरमेंसे होकर सभापति साहबके डेरे तक बडी धूमधाम से वेलायेगये. सभामडप लम्बाई चौडाईमें अनुमान ५ हजार आदमियों के लिये काफी था. उसके दक्षिणमें . उत्तर पूर्व करते हुवे एक मिटीका ऊंचा स्थान (Dais) बनाया गया २५दि म्बरक जैन था. उसपर कालीन बिछाया गया. और सभापतिसाहब के लिये कुर्सी सामन्स एसासएशनके जलस.का वृत्तांत - लगाई जिससे आगे एक मेज रखी गईथी. एसोसिएशनकी ओरसे पांच - प्रतिष्ठित पुरुष सभापति साहबके डरेपर ? || वज लाने वास्ते गए और सभापति साहब २॥ बजे सभाम पधारे इनके आगमनसे पहिले उरमड जिला पंजाब की भजनमंडली. हारमोनियमपरः भनुमान १ घंटेसे भजन गाहीथी. कार्य चलसा । बजे प्रारभ हुवा... .... १ बामू जिनेश्वरदोस दहली निवासीने बङ्गलाचरण पर . ..
SR No.536502
Book TitleJain Shwetambar Conference Herald 1906 Book 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGulabchand Dhadda
PublisherJain Shwetambar Conference
Publication Year1906
Total Pages494
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Shwetambar Conference Herald, & India
File Size13 MB
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