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जैन कोनफरन्स हैरल्ड.
[एप्रिल लमा लाववानो बनतो प्रयास करी ते लीधे भविष्यमा दक्षिणी जैन बंधुओनो सुख अने भलु थवानो पायो रची कोन्फरन्सना मुख्य हेतु साध्य थवाना अर्थे आ प्रान्तिक कान्फरन्सनो मेलावडो अत्रे भरवानो विचार राख्यो छे. बंधुओ ! आ प्रसंगे आपणे घणुए विचारवानुं छे. अने ते अगत्यनी बाबतो उपर हवे टुकामां इशारो करवानी हूं आप समक्ष रजा लउं छु.
प्रान्तिक सभानो हेतु. प्रान्तिक सभानो हेतु एक संप थवानो छे. आपणे एक संप थई रणसंग्राममां युद्ध करवानुं नथी, अगर राज्य लेवानुं नथी, परंतु एक दिलथी संप करीने आपणा जैन भाईओनुं भलं करवानुं छे. पवित्र जैन धर्मनी उन्नती करवानी छे. धर्मना पवित्र नामने आपना सद्वर्तनथी दीपाववानो छे. टंकमां जेथी आ विस्तीर्ण महाराष्ट्र देशना प्रत्येक भागोमां आपणा स्वधर्मीभाईनी जे पृथक् लघु प्रमाणमां जगे जगे वस्ती छे तेनो एक संप थई तेवडे सामाजिक अने धार्मिक बाबतोमा सुधारणा करवानी छे. संप घणी बळवान वस्तु छे; तेवडे मनुष्यो महान् कार्यो करी शक्या छे. ए ऐतिहासिक प्रमाणिक सिद्ध वातो छे.
___ ए आप कबुल करशो के संपवडे धारेलां कार्यो सर्वथी सिद्ध थाय छे. माटे मारा बंधुओ, आपण संप साथे जोडाई रही चालशो तो आपणा धारेलां कार्यो फतेमंद थशे; तेथी आपणने तथा आपणी प्रजाने भविष्यमां मोटो लाभ थशे.
केळवणी.
- मनुष्यमात्रे केलवणी लेवी जोईए. तेमां तेनी जीवित्वनी सार्थकता छे. अगाउ केळवणी लेवाने जोईए तेवां साथनो नहोता. परंतु हाल सरकारना उदारपणाथी नात जातना तफावतविना सौने सरखी रोते केळवणी मळेछे, अने तेने लीधे केटलाक विविध ज्ञातिना लोको उंचा प्रकारनी केळवणाना लीधे उंचीपदवी भोगवीने भाग्यशालि थया छे. परंतु आपणा भाईओ केळवणी लेवाना काममां बहु पछात रह्या छे. आपणी वणिक न्यातीनो मुख्य आधार तो औद्योगिक केलवणीपर छे, अने ते तरफ आपणा धनाढयलोकोए लक्ष आपी समाजने उन्नतीना मार्गपर दोरवयूँ जोईए. महाराष्ट्र देशना बीजी कोमना लोको हिंदुस्थानमां केळवणीमां आगळ वधतो भाग लेछे. त्यारे आपणे महाराष्ट्रीय जैनोए ए बाबतमां पछात रहेQ योग्य नथी. अने ज्यांसुधी औद्योगिक अने धार्मिक केळवणीनो प्रसार आपणी कोममा थशे नहीं त्यां सुधी आपणे उच्च स्थितिनी आशा राखवी व्यर्थ छे. गीतार्थ मुनि महाराजोना शुद्ध उपदेश विना आ देशमां घणाएक भागोमां धर्मग्लानी वधीगई छे. अने केटलाक एवा गामोमां सेंकडो घरो जैनोनां हतां ते ठेकाणे घणाएक लोको स्वधर्म छोडी बीजो धर्म मानवा लाग्याछे; वास्ते मुनिमहाराजाओना विहार ते भागमा थवाथी धर्मोन्नती थई घणा जीवोने स्वधर्ममां स्थिर करवानुं साधन मळशे.
संसारिक हानीकारक रिवाजो दूर करवानी जरूर. केळवणीना अभावे अने अन्य लोकोना घणा दिवसना सहवासथी केटलाएक कढंगा रिवाजो अने कुरातीओए आपणा लोकोमां पगपेसारो करी दीधो छे. अने तेने लीधे समाजनुं बहु नुकसान थई