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जैनियोंके साल तमामकी सखावत.
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उनको प्रगट किया जाये ताकि उनपर कुल समुदाय लक्ष्य देकर अपना कोम और धर्मकी आगामी व्यवस्था पर विचार करें.
हमारे पालके मुवाफिक नीचे लिखी हुई बातका हाल अवस्य मालूम होना चाहिये:
( १ ) धर्मादा कि जिसमें शामिल है अनाथाश्रम, निराश्रिताश्रम स्वामिवात्सल्य, जीर्ण मन्दिरोद्वार, जीर्ण पुस्तकोध्दार, नये मन्दिरकी तामीर, पूजनकी व्यवस्था, पुस्तकालय स्थापन, तीर्थयात्रा व साधू मुनि दर्शणार्थ गमन, अठाई महोत्सवादि धर्म महोत्सव, उज्जमणा, सात क्षेत्र में द्रव्यका व्यय, विद्यादान, प्रभावना, विद्यालय, औषदालय, बोर्डिंगहाउस, कीर्तिदान, बिंब प्रतिष्टा, धर्मशाला, उपाश्रय, संघ निकालना, पांजरापाल, जीवदया, किसी शुभ कार्यमें चंदा, आरति, पक्षाल और प्रथम पूजाके घृतकी बोली वगरह वगरह.
( २ ) जैन धर्मको किस किस साधू, साधवि, श्रावक, श्राविका के उपदेशसे किस किस समय और कहांपुर अन्य कितने मनुष्योंने अंगीकार किया और उनके साथ जैन समुदायका व्यवहार किस मुवाकिक रहा.
(१) जैन समुदायमें से कोन कोन किस किस वक्त किस किस कामके लिये हिंदुस्थानको छोड़कर अमेरीका, यूरोपादि प्रदेशों में गये और किसकिस जगह कितने कितने दिन ठहरे, वहां पर खान पानका और धर्मका आचार विचार किस ढंगपर रखा और आचार विचार शुद्ध पाला होतो उसमें क्या क्या दिक्कों पेशआई, परदेश गमनसे क्या क्या नफा नुकसान हुवा, और हिन्दुस्थान में वापस आनेपर उनके साथ जैन समुदायनें क्या बर्ताव किया.
( ४ ) जैन समुदाय में किसकिस यूनिवरसिटीके कोन कोनसी परीक्षा में किस किसनें किस दर्जेसे पास करके कोन कोनसी डिगरी हासल की, मसलन एम. ए., एलएल. बी; एल, एम, एंड, एस; एल, आर. सी. पी; एल. सी. ई. वगरह वगरह और इनाभ, वजीफा, मैडल वगरह क्या क्या हासल किया.
( ५ ) सरकारी अथवा रजवाडी ओहदोंपर कोन कोन किस जगह मुकर्रर हुवे और किस किसने ओहदे आवरू और तनखुहामें तरक्की पाई.
(६) सरकारसे या देशी राज्यसे किस किसनें क्याक्या इज्जात, आवरू, जागीर, इनाम वगरह पाई.
( ७ ) इस सालमें कोनकोन आगेवान धर्मात्मा, विख्यात साधू, साध्वि और श्रावक, श्राविकाका स्वर्गवास हुवा, और उनकी यादगार में क्याक्या शुभकार्य किये गये,