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________________ १९०५ ] जैन श्वेताम्बर ग्रज्युएट्स ऐसोसिएशन के प्रसिडेंट मि. गुलाबचन्दजीका प्रयास. - ३०५ ३) अगर वालोंकी तरफसे महावारी चन्दा २) धन्नालाल कंदोई . ( - ) माधोलाल महाजन बरवासका 1) रोडजी कन्दोइ. 1) अभैचंद कंदोई. =) बलदेव कंदोई . ) दूलजी कंदोई . ) मोतीलाल कंदोई. =) केसरलाल कंदोई. =) नेमीचन्द वल्द छोटीलाल, ~ ) लखमीचन्द कंदोई. =) गोरधन अगरवाला. ~ ) ईसरलाल वरवासका.. मु. ३ कुल चन्दा महावारी रुपये ११uuuu चन्देकी फहरिस्त जारी है पंदरह रुपये महावारका चंदा हो जावेगा और पाठशालामें औसवालों, सरावगियों और अगरवालों के लड़के लडकी पढेंगे. इसके सिवाय टोडामें एक श्वेताम्बर मन्दिर श्री पार्श्वनाथ स्वामिका है वह जीर्ण हो गया है उसके आगेकी छत्री टूट गई है और उसके भंडार के रुपये भी कई आदमियोंमें बाकी थे इस लिये कुल पञ्चान औसवालानको मन्दिरमें इकठा करके श्री परमेश्वरकी प्रतिमाजी जो कुछ उनमें बाकी था वह एक कागजपर लिखवाया गया तो उन लोगोंनें नीचे प्रमाण लेख लिखा: “ श्री पार्श्वनाथ स्वामिके मन्दिरजीकी रकम पञ्च औसवालोंमें जो आज तक बाकी हैं सो समस्त पञ्च औसवालान आज मन्दिरमें इकठे होकर श्रीपरमेश्वरजीको हाजर नाजर समझकर अज' रूपें ईमान नीचे मुजिब लिखते हैं उस मुवाफिक देना है मिति भादवा बुदि ६ सम्वत १९६२ का " रोकड जतीजीके पास मोजूद १६२) २२) रोकड जतीजीके पास उपासरेके मोजूद ३०॥>)॥ रोकड कल्याणबक्ष चौधरीके पास << ̄ ̄)uu मांगीलाल चोधरीमें बाकी मन्दिरके - गणेशलालकी स्त्रीके ७८) १५) ' १५) ११) ९) ७) मु. ३६० ।। १०) कल्याणवक्ष चौधरीमें बाकी कल्याणजी गोलेछा में बाकी छगनलाल चपलोतमें बाकी बालाक्ष गोलेछा में बाकी मीठालाल गोलेछामें बाकी J
SR No.536501
Book TitleJain Shwetambar Conference Herald 1905 Book 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGulabchand Dhadda
PublisherJain Shwetambar Conference
Publication Year1905
Total Pages452
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Shwetambar Conference Herald, & India
File Size13 MB
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