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२४० जैन कोनफरम्स हरैल्ड.
[जुलई प्रार्थना करते है कि इस पाठशालाको किसी तरहपर अमुक गच्छ या अमुक श्रावक या साधूकी न समझकर बलके इसको कुल जैन समुदायकी समझकर इसमें तालीम पानेके लिये जुरूर उत्कंठित होवेंगे और जिस तरहपर श्रावकोंके लडकोंका नम्बर दो वर्षमें ३४ पर पहुंचा है इसही तरह साधू मुनि राजोंका नम्बरभी आयंदा २ बर्षमें ४० या ५० तक पहूंचा हुवा देखकर खुश होनेकी अभिलाषा करते है.
हिंदमां एक सामान्य भाषा थवानी जरूर,
(लखनार-मी० अमरचंद पी० परमार, मुंबई.) - हिंदुस्थानमां त्रीस करोड माणसनी बस्ती छे. ए देशमा पोषाक, रीतरीवाज अने धर्म जेम भिन्नभिन्न छे तेमज भाषा पण जुदाजुदा भागमां जुदी जुदी बोलायछे. एवी गणत्री करवामां आवी छे के हिंदमां एकसो पंचोतेर जुदी जुदी बोली बोलायछे. कहेवत छे के बार गाउए बोली बदलाय ते मुजब एक भाषामां पण बोलीनी जुदी जुदी लढण अने जुदा शब्दोचार थता जोवामां आवे छे. .
हिंदुस्ताननी भाषाओ मोटे भागे संस्कृतमांथी नीकळेली होवाथी संस्कृत साहित्यना व्याकरण- धोरण अने मूल अथवा अपभ्रंश थयेला संस्कृत शब्दो ते भाषाओमां बहुधा जोवामां आवेछे. संस्कृत भाषामाथी उत्पन्न थयेली हिंदुस्ताननी भाषाओ बोलनाराओनी मनुष्य संख्या (छेला वस्तीपत्रक परथीं मालम पडे छे) अराड करोड अने वीस लाखनी थायछे. तेमाथी
आठ करोड अने वीस लाख एटले लगभग अडधो अडध हिंदी-हिंदुस्तानी-नागरी भाषा बोले छे. आसरे चार करोड वीस लाख ऐटले पा भाग बंगाली भाषा बोलेछे; आसरे एक करोड साठ लाख मराठी बोलेछे भने आसरे एक करोड गुजराती बोलेछे. ..आठ करोड भने वीस लाख मनुष्यनी मातृभाषा हिंदी होवा उपरांत बाकीना दस करोड मनुष्य ए भाषा सारीरीते समजी शकेले. .हिंदी भाषा अने उरदुभाषा उत्तर हिंदुस्तानमां खास करीने बोलायछे. हिंदी भाषामा माक्षे संस्कृतमांधी बमेला अथवा संस्कृत विशेष जेवामां आवे छे त्यारे उरदु भाषामां फारसी अने अरबी भाषाना शब्दो विशेष होयछे. मुसलमानी राज्य अमलमा उरद्ध भाषानो प्रचार घणो वधी गयो अने उत्तर हिंद, पंजाब, रजपूताना वगेरेनी कोरटोमां हजु ते भाषानो प्रचार विशेष जीकामां आवेछे. मुत्सदी वर्ग हिंदु या मुसलमान पाताना घरमा पण उरदु भाषा बोलता जोवामां आवैछे. ताजुब जेवू एंछ के हिंदी-नागरौं भाषाना बोलमाराओ उरदु तेमज उरदु. ना बोलनाराओ नागरी भाषानी बोलनाराओं साथै वगर अटके भाषा व्यवहार चलाने