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________________ जैक कोनफाल्स होल्ड. बारमा जई पैसानी खुहारी नहीं करतां पंचद्वारा के अंदर अंदर समाधानी करवानी आ कोनफरन्स जैन बंधुओने खास भलामण करे छे. ".. दरखास्त करनार--वकील छोटालाल कालीदास. .... टेको आपनार-वकील डाह्याभाई हकमचंद. मि. छोटालाल कालीदासर्नु भाषण. . ज्यारे एक माणसने अन्य बंधु उपर रोष चहडे छे त्यारे पछी ते तेनी पाछळ गमे तेटलो खुवार थवाने पण अचकातो नथी अने तेने लीधे आपणी कोममाथी लाखो रुपीया कोर्ट दरबारोमा खर्चाय छे माटे ते खोटो खर्च जेम बने तेम ओछो करवानी अने गामना सारा अने आबरूदार गृहस्थोने पंच तरीके नीभीने इनसाफ कराववानी घणी जरूर छे. मि. डाह्याभाई हकमचंदनुं भाषण. __ आपणे भ्रातभाव राखयो जोइए, ऐक्य वधारवू जोईए अने आपणे अत्रे एकठा थवानुं कारण पण तेज छे. कजीआ कंकासथी पैसा खर्च थाय छे, वकीलो बारीस्टरोना घर भराय छे माटे कजीआ ओछा करवा जोईए. न्यातमां आबरूदार माणसो होय छे तेमनी सलाह लेवामां आवे तो कजीआओ ओछा थाय अने तेम करवानी आप सघळाओने हुं भलामण करूंछु. बाद मत लेतां ठराव सर्वानुमते पसार थएलो आहेर करवामां आव्यो हतो. ठराव आठमो. पांजरापोळो बाबत. ___“ पांजरापोळो स्थळे स्थळे छे ए खुशी थवा जेवू छे पण ते माटे डाक्टर तथा दवानी जोगवाई करवा दरेक पांजरापोळवाळाओने आ कोनफरन्स भलामण करे छे. अने एम न थई शके तो सारी हवा पाणी तथा घासचारो विगेरेनी सगवडवाळी तथा अनावृष्टी जेवा प्रसंगमां घास सहेलाईथी लावी शकाय तेवी जग्या पसंद करी केटलांक गामनी एक भेगी पांजरापोळ करवी अने त्यां डाक्टर तथा दवा आदिनी जोगवाई करवानी आ कोनफरन्स भलामण करे छे. " दरखास्त करनार—मि. ललुभाई करमचंद दलाल. टेको आपनार—मि. कालीदास वनमालीदास. मि. ललुभाई करमचंदनुं भाषण. ... आपणी आवी गंजावर बेठकमां बोलवानी में आजेज पहेली हिंमत करेली होवाथी तेमज मारे कई पण बोलवाने जग्या रहेशे, एवी मने बिलकुल आशा न हती तेथी टुंक वखतमां तैयार थई तमो सन्मुख हुँ जे बे बोलो बोलवानी रजा लउं छु तेमां जणाती भुलो क्षमा करशो. .. ___ जीवदयानो विषय अर्थात् जीवोनी रक्षा करवी ए जैन धर्मनो एकलानोज सिद्धांत नथी पण ते सिद्धांत दुनियाना सर्वे धर्मोने एकसरखो लागु पडे छे, अने तेमां जैन धर्म विषेशे करी पोतानी फरज बजाववा तत्पर होय तेमां कई नवाई जेवू नथी. मि. बाळ गंगाधर तिलक जेवा नरे भार मुकी आपणी
SR No.536501
Book TitleJain Shwetambar Conference Herald 1905 Book 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGulabchand Dhadda
PublisherJain Shwetambar Conference
Publication Year1905
Total Pages452
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Shwetambar Conference Herald, & India
File Size13 MB
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