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જૈન યુગ
भगवान् महावीर ने ढाई हजार वर्ष पूर्व सर्व जीवों की हित कामना को सम्पूर्ण शुद्ध अहिंसा है जहाँ यह 1 भाव हो वहां मांसाहार तो होई ही नहीं सकता। जहां भ्रातृ भाव हो, प्रेम हो वहां किसी की हिंसा करना अस म्भव है । और भी कहा है कि:
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तुह पियाई मंसाहं, खंडाइ सो लगारिमयं
वाइयां जिसमे साई अविणे गो || ६७ ॥ अर्थ: तुझे यदि मांस या मांस की पकाई हुई वस्तु प्रिय है तो तू भी उसी प्रकार खाया व पकाया जायेगा ।
( उत्तर रज्डयण सुत्र प्र० १९ गा० ६७ ) भारतवर्ष के कई प्रांतों में मांसाहार त्याज्य माना जाता है, यह भगवान् महावीर के अहिंसा की देन है। हम देहली येथे हमें वो दो आश्रमों का अनुभव हुआ।
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જાન્યુઆરી ૧૯૫૯
१. अहिंसा प्रेमी भगवान महावीर को अपनी पुस्तक में एक मांसाहारी ने मांसाहारी लिख दिया । २. यदि इस पुस्तक को मांसाहारी संस्था प्रकाशित कराती तो आचर्य नहीं होता, किन्तु पंचशील के प्रणेता भारत सरकार की अकादमी ने उसे प्रकाशित किया है यह शत होकर मुझे आत आश्चर्य हुआ।
शाकाहारी संघ व जीवदया मण्डलीयां अपने कार्य को सफल बनाना चाहती हैं तो उन्हें प्रथम यह कार्य करना होगा कि "विद्यार्थी भावि राष्ट्र नेता है, उनके पाठ्यक्रम में अहिंसा मूर्ति के सात्त्विक जीवन को रखना होगा | शाकाहार की आवश्यकता का शिक्षण दिया जाय । "
ऐसा होने पर यह संसार देव भुवन बन जायगा ।
मध्यमवर्गना उत्थानना मार्गो "
जैन युग ईनामी निबंध
"
श्री जैन श्वेताम्बर कॉन्फरन्सना " जैन युग व्यवस्थापक मंडळ तरफथी "मध्यमवर्गना उत्थानना मार्गों " से विषय उपर हिंदी, गुजराती अथवा अन्ग्रेजी भाषामा निबंध आवकरवामां आवे छे. ते अंग्रेनी शरतो आ प्रमाणे छे :
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(१) निबंध फुलस्केप साइना काळ उपर एक बाजू चार हार शब्दोमा पोख्खा अक्षरे साला होना जोईये
(२) निबंधो ता. २८ फेब्रुअरी, १९५९ सुधीमां रजीस्टर्ड पोस्टथी नीचेना सरनामे मोकली
आपया.
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(३) निबंधो "जैन युग व्यवस्थापक मंडळ द्वारा तपासवामां आवशे अने तेनो निर्णय छेवटनो लेखकने बंधनकर्ता गणाशे.
"
(४) प्रात येल निबंधोनी मालिकी बगेरेना सर्व हक श्री जैन श्वेताम्बर कॉन्फरन्सना "जैन युग व्यवस्थापक मंडळना रहेशे.
(५) श्रेष्ठ निबंध लेखनाने अनुक्रमे प्रथम, द्वितीय अने तृतीय रू. १५०), रू. १०० ) अने रु. ५० ) इनामी आपवामां आवशे
(६) निबंध नारे पोतार्नु पूर्व नाम, ठेकाणु, गाम वगेरे निषेव साचे जुदा कामळ उपर निषेधो नीचेना सरनामे मो
संघीओ, जैन युग Clo श्री जैन श्वेताम्बर कॉन्फरन्स गोडीजी बिल्डिंग २० पायधुनी, कालबादेवी, मुंबई २
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