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________________ TR:-HINDSANGHA. * श्री जैन श्वेताम्बर कॉन्फरन्स. * रेसीडेन्ट जनरल सेक्रेटरीओ:मोतीचंद गिरधरलाल कापडीआ. २०, पायधुनी, मुंबई, ३.. बी. ए. एल एल. बी. सोलिसिटर. कांतिलाल इश्वरलाल जे. पी. ता० १२ एप्रिल १९४०. शेर अने स्टॉक ब्रोकर. सुज्ञ श्री, वि. आपणी महासभानी अखिल हिंद स्थायी समितिनी एक बेठक मुंबई शहेरमां तारीख २७-२८ एप्रिल १९४० (सं. १९९६ ना चैत्र वद ६-७) शनि-रविवारे बोलाववा निर्णय कयों छे ते आपने सहर्ष विदित करीए छोए. आपने सुविदित हशे के जैन समाज अत्यारे भारे कटोकटीना समयमांथी पसार थाय छे: एनी आर्थिक स्थिति विकट थती जाय छे, एनो व्यापारो परनो काबू ढीलो पडतो जाय छे, राजकीय वातावरणमा एनुं स्थान उतरतुं जतु देखाय छे, जीवनकलह उग्र बनतो जाय छे अने धर्मभावना ओसरती जाय छे, अने चिरकालना स्थापित हको पर त्राप पडती जाय छे. आवी विषम परिस्थितिमा आंतरकलह भारे विषम घटना उत्पन्न करे छे, अर्थ वगरना परिणामशून्य कलहो गामे गाम अने घेरे घेर विसंवाद उत्पन्न करी रह्या छे अने जैनोनो सामाजिक हास थतो दीर्घदृष्टाओनी नजरे चढे छे. सांसारिक, राजकीय, आर्थिक, नैतिक अने धार्मिक क्षेत्रोनी जे वखते खूब संभाळ राखवी जोइए, यारे आपणे तो सामाजिक रीते एकठा मली आपणी स्थिति पर विचार पण करो शकता नथी अने तेवा संरक्षण माटेनी गोठवणो करवा प्रयत्न करवामां आवे छे ते पण निराशामा परिणमे छे. आबा कटोकटीना सजोगोमां सर्व दिशाथी विचार करवो घटे छे. आपणी महासभानु नाव भरदरिये झोला खाय छे. आ स्थिति वधारे वखत लंबाय तो परिणामे आपणी पासे छे ते पण गुमावी बेसीए. एटले आपणे एकठा मलीने आपणी महासभानो तात्कालीन कार्यक्रम गोठववो घटे अथवा एनी भविष्यनी कार्यरेखा आलेखी एनी अतिम कार्य दिशा निश्चित करवी घटे. ____ एटला माटे आपणे सर्व प्रकारनी चर्चा करी आपणी ( मूर्तिपूजक) जैन श्वेतांबर महासभानी कार्य दिशा निश्चित करीए. आप तेटला माटे मुंबई शहेरमा उपर जणावेली तारीख पहेला जरुर पधारशो. सामाजिक कार्योमां सर्वना एक सरखा सहकारनी जरुर छे अने विचारणाने परिणाम सारा भावीनी आशा जरुर रहे छे. आ आमंत्रणने खास महत्त्व- समजी आपणा समाजना अगत्यना भावीनिर्णयमा आफ्नो सहकार जरुर आपशो एवो अमारो आग्रह छे. आपनो सत्कार करवा अत्रेनी कार्यवाहक समिति उत्सुक छे. आप जरुर पधारशो अने आवी महत्वनी विचारणामां आपनो फाळो आपशो. आपना आगमननी उत्कण्ठाथी प्रतीक्षा करीए छोए. स्वीकारनो पत्र जरुर लखी अमने हर्षित करशो. -: कार्यक्रम. :शनीवार, ता० २७-४-४० टाइम बपोरना स्टां. टा. २॥ थी ५॥ (१) प्रमुखनी चुंटणी. (२) स्थानिक महामंत्रीओर्नु निवेदन, (३) प्रमुखनुं भाषण. रात्रे स्टां. टा. ८|| (१) स्थायी समितिना सभ्योनी सभा अने समाजना अक्य तथा महासभानी परिस्थिति इत्यादि रजु थता कार्यक्रमनी विचारणा तथा निर्णय. रवीवार, ता० २८-४-४० टाईम बपोरना स्टां. टा. १॥ थी ५॥ (१) आगली रातनी स्थायो समितिए नक्की करेल कार्यक्रम. लि० सेवको, Aidha E Bellalae fiughes नोट:-(ए.) सभा स्थळ हवे पछी जणाववामां आवशे. (बी.) आप कोन्फरन्सने उतारे उतरवाना छो के खानगी उतारे ते जणावशो. (सी.) बिस्तरो साथे लाववा कृपा करशो. रसीडेन्ट जनरल सेक्रेटरीओ. श्री जैन श्वेताम्बर कॉन्फरन्स.
SR No.536280
Book TitleJain Yug 1940
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Dipchand Chokshi
PublisherJain Shwetambar Conference
Publication Year1940
Total Pages236
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Yug, & India
File Size24 MB
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