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જૈન યુગ
ता. १-७-34
प्रांतिक जैन श्वेतांबर कॉन्फरन्स अधिवेशन, वीसलपूर
अपूर्व उत्साहः बाललग-कन्याविक्रय त्याग के सोगनः अधिवेशन द्वारा अद्भुत जागृति
[खास प्रतिनिधि द्वारा प्राप्त] कॉन्फरन्सके एक जनरल सेक्रेटरी श्रीमान् गुलाबचंदजी अधिवेशन के प्रमुख जगत शेठ फत्तहचंदजी सा. घेल डाने ढवा, एम. ए. के अत्यंत प्रयासके परिणाम स्वरूप वीसलपूर अपने विद्वतापूर्ण भाषण में 'कॉन्फरन्सको उत्पत्तिसे अब तकका (मारवाड) में योगेन्द्र चूडामणी युग प्रधान श्री १००८ श्री संक्षिप्त विवरण' देकर जैन समाज और खासकर मारवाड विजय शांति सूरीश्वरजी महाराज के पवित्र कर कमलोस श्री आदि प्रांतो से संबन्ध रखनेवाले अनेक महत्वपूर्ण प्रश्नों का धर्मनाथ प्रभुको प्रतिष्ठा और अनेक प्रतिमाओंकी अंजन शलाका उल्लेख कर उनके लिए योग्य उपाय सूचित किये थे। बालहोने के शुभ प्रसंग पर श्री प्रांतिक जैन श्वेताम्बर कॉन्फरन्स लग्न-वृद्धलग्न, कन्या विक्रयादि की उत्पत्तिके कारण बतलाकर का अधिदेशन ता० १०-११-१२ मई सन् १९३५ को मुशि- आजकलके समयमें यह कुरीतियां हमारे जन समाजको किस दाबाद निवासी जैन समाजके स्वीकृत अग्रगण्य नेता श्रीमान् प्रकार नष्ट कर रही है इसका विवरण अति बोधप्रद रीतिसे जगतशेठ फतहचंदजी साहब घेलडाको अध्यक्षतामें हो गया। देते हुए इन्होंने फरमाया की “बाललग्न और वृद्ध विवाह
इन शुभ प्रसंगो पर मारवाड, मेवाड, राजपुताना, मालवा, कायम रहने से कन्या विक्रयका बजार गर्म होता जाता है। यु. पी. बेंगाल, सौ. पो. गुजरात, काठीयावाड, आदि प्रांती यहाँ तककी इस प्रांत में कन्या की किंमत कन्या के शरीर के के करीब बीस हजार नर-नारी सम्मिलित हुए थे। अधिवेशन वजनसे भी ज्यादा रुपे ४५०००) तक पहुच चुकी है कि में योगेन्द्रचूडामणी युगप्रधान श्री विजयशांति सूरिश्वरजी जिस हिसाब से कन्याका मांस करीब १०) रूप्या प्रति तोला महाराज, उपाध्यायजी श्री ललित विजयजी महाराज, पन्यासजी बेंचा जाना मालूम होता है। कसाई निर्दयतास पशुओका वध म. श्री हिम्मतविजयजी महाराज आदि मुनि मण्डल एवम्
कर उनका मांस बेंचता है जिसको जनता घृणा की नजर से करीब ४५ साध्वीज) अनेक यतीजी के उपरांत श्रीमान् किशोर
देखती है। कसाई तो सिर्फ १ मिनिट में ही जानवर की जान सिंहजी साहब-ठाकुर ऑफ वीसलपूर: कुंवर सा. श्री फतहसिंहजी लेकर कठोर कर्म बांधता है और कन्याका बेंचनवाला जिन्दा सा. बीसलपूर, परकाना के ठाकुर श्री भैरवसिंहजी साहब: मांसको आ जन्म हलाल कर कैसे निकाचित कर्म बांधता है गुंदोज के ठाकुर सा. श्री हरिसिहजो साहब, वीजापुर के ठाकर सो ज्ञानी जाने ऐसे दुष्ट आत्माके साथ रहने वाले और खाने सा. आदि अनेक सरदार, जागीरदार, तथा हाकीम साहबने पीने वालोको भी सहायक अपराधी के तोर पर......भवांतर भी पधारने की कृपा की थी।
में सजा मिलती है।" तदुपरांत अशुभ मानतान, एक स्त्री के अधिवेशन के पेंडालमें जमीन पर बिछायत कर बेठनका जीते दूसरो से शादी करना, मृत्युके बाद जीमन-नूकता आदि, प्रबन्ध रखा गया था । बम्बई कॉन्फरन्स द्वारा चिकागो रेडोयों जीवदया, फैशन, शिक्षा, तीर्थ और मंदिरोंका निद्विार एक्यता, कपनो के रेडीयो अधिवेशन पेडालम फिक्स करवा देने के उप- जैनत्योहार, दीक्षा, धो केशरीयाजी, श्री मुकृत भण्डार फंड, रात धूपसे बच के लिए उपर कपडा बंधवा दिया गया था। आदि पर खूब विवंचन किया था, जिसको असर उ.थत लगभग २५ ग्रामकि जन स्वयंसेवक मंडलोंने (करीब ३५. जनता पर अच्छी पड़ी। स्वयंसेवक) उपस्थित रह कर अपनी सेवा अर्पण की थी। अधिवेशन प्राय: प्रातःकाल ८ से ११ बजे तक होता बामणवाडजी गुरुकुल, श्री पार्श्वनाथ जैन विद्यालय वरकाणा. और रात्रीको ८ बजे सबजेक्ट कमिटी की सभा एकत्र होती श्री उम्मेद पार्श बालाश्रम उम्मंदपूर, औसीया बाडिंग आदि थो । सबजेक्टस् कमिटो में पूर्ण विचारकर जो प्रस्ताव पास संस्थाओं के कार्यकर्ता एवम् विद्य.थोओने भी इस प्रसंग पर हतेि वह अधिवेशनके समक्ष पेश किये जाते थे। अधिवेशन में अच्छी सेवा की। अधिवेशन के कार्यकी व्यवस्था के लिए निम्नलिखित आशय के ठहराव पास हुए। कॉन्फरन्सके बम्बई हेड ऑफिससे श्री माणेकलाल डी. मोदी (१) सम्राटकी जुबोली के समय सांडका मांस भूनकर भेजे गए थे।
बांटने की जो मनाई की गई उसके लिए बधाई (२) योगीराज स्वागताध्यक्ष श्री भभूतमलजी देवीचदजी शाहने अपनं श्री विजयशांति सरि पेटरनरी हॉस्पिटल, आबू के स्थापनार्थ भावणमें उपस्थित महानुभावोका स्वागत कर भारत के इति- गवर्मन्टने जा मददकी व कर रही है उसके लिए निरबल हासके. माथ जन समाज और मारवाडका धनिष्ट संबन्ध बत- ए. जी. जी. और गवर्मेन्टको मुबारकबादी (३) श्री केशरीयाजी लाकर अहिंसाके विश्वव्यापी विशाल धर्म के प्रचारार्थ मतमंद तीर्थ संरक्षण के लिए सूरि सम्राट श्री विजयशांति सूरिश्वरजी छोडकर संगठनकी आवश्यक्ता बताई। विद्या प्रचार के लिए महाराजने जी आत्मयज्ञ करके जैन समाजका गौरव बढाया
और देकर समाजमें बाल विवाह, वृद्ध विवाह, अनर्मल है उसके लिए गुरुदेवको धन्यवाद समर्पित और आपकी विवाह, कन्या विक्रय, आदि जिन कुप्रथाऑन घर कर रखा दिर्धाय के लिए शासन देवकी प्रार्थना (४) अयोग्य फरजियात है उन्हें शिघ्र ही नाबूद करने की अपील की।
मंचे न कर विद्यालय, अनाथालाय, विधवाश्रम आदि उपयोगी