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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सिक्के रिज़र्व कलेक्शन में ही संगृहीत होते हैं जिनको वह संशोधकों के अनुरोध पर ही उन्हें दिखाता है। प्रशासनि और सुरक्षा की समस्याओं को मद्दे नजर रखते हुए हम कह सकते हैं कि गुजरात के ये संग्रहालय संशोध की माँग को पूरा करने में पूर्ण सहयोग देते हैं । आधुनिक काल में नये बन रहे कुछ संग्रहालयों ने इस दि में नवीन पद्धति अपनाई है । जहाँ पर संशोधकों के लिए Computerised documentation, pho archives तथा index card आदि बन रहे हैं जिसके कारण विषयानुकूल सिक्के की जानकारी, फोटो अ प्राप्त करना सुगम हो गया है। गुजरात के इतिहास में सिक्के महत्त्वपूर्ण स्रोत हैं । यहाँ के संग्रहालयों में संगृहीत इस बहुमूल्य धरो को संरक्षित करने के लिए संग्रहालय व्यवस्था अभिनन्दनीय है । संशोधकों और जन-सामान्य को पूर्ण रूप सहयोग देने के कारण UNESCO द्वारा Muscum की परिभाषा "जिसमें कहा गया है कि कोई भी Muscu मात्र प्रदर्शों को एकत्रित करने से म्यूजियम नहीं कहा जा सकता है बल्कि उसकी Activitics ही उसकी ज है ।" में खरे उतरते हैं । पथि: दीपोत्सवis - मोटो.-नवे.-डिसे., २००१ . ७१ For Private and Personal Use Only
SR No.535493
Book TitlePathik 2002 Vol 42 Ank 01 02 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhartiben Shelat, Subhash Bramhabhatt
PublisherMansingji Barad Smarak Trust
Publication Year2002
Total Pages202
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Pathik, & India
File Size12 MB
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