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भास्कर
[ भाग २
५ गौतम स्वामी की कथा। ६ चेलिनी महादेवी का श्रोणिक से सम्बन्ध ।
पंचम प्रकरण
(३० से ४७ पृष्ट तक) १ सत्यन्धर की कथा। . २ जीवन्धर की कथा। ३ पुनः श्रेणिक-चर्चा।
षष्ठ प्रकरण
(४७ से ७० पृष्ट तक) १ श्रेणिक का धर्मश्रवण। २ दीपावली का कारण। ३ पार्श्वभट्टारक एवं शाक्य मुनि की कथा । ४ भद्रवाहु-कथा। ५ नन्दवंश की उत्पत्ति, चन्द्रगुप्त-कथा और श्वेताम्बर शाखा का प्रादुर्भाव । ६ विक्रमादित्य की कथा।
७ अपलसंघ का प्रादुर्भाव तथा पूज्यपाद स्वामी के शिष्य के द्वारा द्राविड़ संघ की स्थापना तथा काष्ठासंघ की उत्पत्ति।
८ मरुत एवं बिल संघ की स्थापना और अर्हद्वल्याचार्य के द्वारा संचालित संघ, गण, गच्छ आदि का विवरण।
सप्तम प्रकरण
(७० से ८६ पृष्ठ तक). १ शालिवाहन-कथा। २ बसुपाल राजा की सभा में पञ्चांग-विषयक-चर्चा। ३ समस्त प्राणिवर्ग के प्राय(यु)-व्यय की चर्चा ।
अष्टम प्रकरण
(८६ से ११७ पृष्ठ तक) १ जिनदत्त राय की कथा। २ चण्डविक्रम की कथा।